गर्मी में धान बोने पर सियासत गर्म: सीएम साय ने कांग्रेस के आरोपों को बताया फर्जी

रायपुर ( शिखर दर्शन ) // छत्तीसगढ़ में रबी सीजन के दौरान धान की बुवाई को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर किसानों को हतोत्साहित करने और फसल परिवर्तन के नाम पर दखल देने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने दावा किया कि धमतरी, राजनांदगांव और रायपुर जिलों के कलेक्टरों ने मौखिक आदेश देकर किसानों पर दलहन-तिलहन बोने का दबाव बनाया है। साथ ही, धान की फसल लगाने पर जुर्माने की चेतावनी दी जा रही है।
धनेंद्र साहू ने आरोप लगाया कि किसानों को मौखिक रूप से धमकाया जा रहा है और आदेश लिखित में नहीं दिए जा रहे हैं। उन्होंने इसे किसान विरोधी नीति बताते हुए कहा, “किसान अपने खेतों में अनुकूल फसल उगाने के हकदार हैं। धान बोने पर पाबंदी लगाना अनुचित है। यह भाजपा सरकार की किसान विरोधी सोच को उजागर करता है।”
धनेंद्र साहू ने यह भी याद दिलाया कि रमन सरकार के कार्यकाल में भी ऐसा ही आदेश जारी किया गया था, जिसे बाद में विरोध के चलते वापस लेना पड़ा था।
सीएम विष्णुदेव साय ने आरोपों को बताया आधारहीन
कांग्रेस के इन आरोपों पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पलटवार करते हुए कहा कि गर्मी में धान बोने पर कार्रवाई की बात पूरी तरह से झूठी और निराधार है। उन्होंने स्पष्ट किया, “हमारी सरकार ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है। किसान निश्चिंत होकर धान की फसल लगाएं। हमारी प्राथमिकता हमेशा किसानों के हितों की रक्षा करना है।”
सीएम साय ने कांग्रेस पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सब किसानों को भ्रमित करने की साजिश है। उन्होंने दोहराया कि भाजपा सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने
धान की बुवाई के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग ने राज्य की राजनीति को गर्मा दिया है। जहां कांग्रेस इसे किसान विरोधी नीति बता रही है, वहीं भाजपा इसे निराधार आरोप करार दे रही है। इस मुद्दे पर किसानों की प्रतिक्रिया भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।