श्री त्रिपुर सुंदरी मरी माई मंदिर प्रांगण में भव्य छठ पूजा समारोह, बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दिया सूर्य को अर्घ्य…

बिलासपुर ( शिखर दर्शन ) //न्यू लोको कालोनी स्थित श्री त्रिपुर सुंदरी मरी माई माता मंदिर के सरोवर में इस वर्ष छठ पूजा का भव्य आयोजन किया गया। इस आयोजन का प्रबंध न्यू लोको कॉलोनी छठ पूजा समिति द्वारा किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए।

छठ पूजा, जो मुख्यतः बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रचलित है, अब संपूर्ण भारत में विशेष उत्साह के साथ मनाई जाने लगी है और छत्तीसगढ़ में भी यह पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है।
इस अवसर पर न्यू लोको कॉलोनी स्थित सरोवर को छठ पूजा समिति द्वारा सजावट और प्रकाश व्यवस्था के माध्यम से अत्यंत आकर्षक बनाया गया था।

पूजा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करने के लिए घंटों तक सरोवर के जल में खड़े रहे। मान्यता के अनुसार, छठ पर्व सूर्य की उपासना और स्वास्थ्य, समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है।

छठ पूजा के व्रती पहले ‘नहाए खाए’ की परंपरा का पालन करते हैं, जिसके बाद वे लगभग 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखते हैं। उपवास के दौरान ‘खरना’ नामक रस्म भी निभाई जाती है, जिसमें प्रसाद ग्रहण कर उपवास की शुरुआत की जाती है। इस दौरान डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, और अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर उपवास का समापन किया जाता है।
समिति के अध्यक्ष रवि पासवान ने जानकारी दी कि इस वर्ष छठ पूजा समिति का यह नवां सफल आयोजन है, जिसमें सभी सम्मानित सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रम की शुरुआत में श्री पासवान ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत और आभार व्यक्त किया।

संध्या अर्घ्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि धरमलाल कौशिक ने व्रतियों को शुभकामनाएँ दीं और कहा कि समिति के प्रयासों से एक छठ घाट निर्मित हुआ है, और भविष्य में इसे सरोवर के चारों ओर विस्तारित करने का प्रयास रहेगा ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु यहां आकर सूर्य की उपासना कर सकें।
समिति के संरक्षक डॉ. राजकुमार खेत्रपाल ने अपने उद्बोधन में सूर्य की उपासना की महिमा और इसके महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में समिति के संरक्षक नवीन सिंह के साथ क्रिकेट फाउंडेशन अकादमी के चेयरमैन प्रिंस भाटिया, वार्ड पार्षद अजय यादव और छठ पूजा आयोजन समिति के अन्य सदस्यों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आयोजन में समिति के सचिव केशव झा, सोमनाथ पाण्डेय, द्रोण सोनकलिहारी, गुलाब विश्वकर्मा, गणेश दास, सौरभ वैश्य, आनंद शर्मा, अरविंद ओझा, गिरीश साहू, रवि साहू, तरुण आचार्य, मनोज पाल, हेमंत पाठक, पप्पू निर्मलकर, दीपक साहू, अर्जुन निर्मलकर, जयंत पाठक, पुष्पेंद्र साहू, चंद्रकांत चंदू, दिनेश कौशिक, भास्कर राव, दिनेश मुदलियार, अंकित मिश्रा, संजय यादव, जयंत साहू, राजकुमार शाह, गुलशन वर्मा, कन्हैया कौशिक का विशेष योगदान रहा।
छठ पूजा, भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें लोग नदी, तालाब या सरोवर के किनारे डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपने संकल्प और आस्था को व्यक्त करते हैं। इस पर्व का आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक समरसता का प्रतीक भी है, जिसमें समाज के सभी वर्ग एक साथ मिलकर पूजा में सम्मिलित होते हैं।
