25 जुलाई श्री महाकाल भस्म आरती श्रृंगार दर्शन
विशेष संवाददाता : छमू गुरु की रिपोर्ट….
उज्जैन ( शिखर दर्शन ) // विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज सावन माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया को बुधवार रात ढाई बजे मंदिर के कपाट खोले गए। इस अवसर पर बाबा महाकाल का गणेश रूप में विशेष श्रृंगार किया गया। भगवान शिव को प्रिय सावन महीने में आरती का समय बदलकर 3 बजे कर दिया गया।
आरती के पहले भगवान महाकाल का पवित्र गंगा जल से अभिषेक किया गया, इसके बाद पंचामृत—दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस—से अभिषेक पूजन हुआ। मान्यता है कि श्रावण माह में शिव आराधना करने से सभी कष्टों से शीघ्र मुक्ति मिलती है।
इस विशेष अवसर पर श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की भस्म आरती की गई। भस्म आरती के पहले बाबा को पवित्र गंगा जल से स्नान कराकर महा पंचामृत से अभिषेक किया गया। इसके बाद भांग और चंदन से भोलेनाथ का आकर्षक श्रृंगार किया गया और भगवान को वस्त्र पहनाए गए।
भस्म चढ़ाए जाने के बाद झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े और शंखनाद के साथ बाबा की भस्म आरती की गई। आज श्री महाकाल के दरबार में सुबह से ही उत्साह और आनंद का माहौल बना हुआ है। कुछ श्रद्धालुओं ने परंपरा के निर्वहन करते हुए बाबा के समक्ष हमेशा प्रस्तुत रहने वाले नंदी महाराज के करीब जा कर उनके कानो में अपनी मनोकामनाएं कह कर भोले नाथ तक पनुचाने के विनती की ।
सभी भक्त जय जय श्री महाकाल , हर हर महादेव , हर हर शंभू , ॐ नमः शिवाय के जयकारे लगा रहे थे जिससे पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा ।