13 जुलाई श्री महाकाल भस्म आरती श्रृंगार दर्शन :
उज्जैन ( शिखर दर्शन ) // मध्यप्रदेश के जिला उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पट ब्रह्म मुहूर्त में खोले गए। सबसे पहले बाबा महाकाल का पवित्र गंगा जल से अभिषेक किया गया । इसके बाद दूध , दही , घी, शहद एवं फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया गया ।
बाबा महाकाल को भस्म चढ़ाई गई । भांग , चंदन और त्रिपुंड अर्पित कर विशेष आभूषणों से दिव्य श्रृंगार किया गया । श्री महाकाल ने शेष नाग का रजत मुकुट , रजत मुंडो की माला और रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित फूलों से बनी माला धारण की । आशुतोष को विभिन्न प्रकार के फलों के साथ अवंतिका नगरी की प्रसिद्ध मिठाइयों का भोग लगाया गया
सुबह से ही श्री महाकालेश्वर मंदिर भक्तो की भीड़ उमड़ पड़ी थी , भस्म आरती में शामिल हो कर और श्री महाकालेश्वर का श्रृंगार दर्शन कर मंदिर में उपस्थित सभी जनों ने आध्यात्मिक और भावनात्मक शांति के साथ अद्भुत आत्मिक आनंद प्राप्त किया । कुछ भक्तों ने बाबा महाकाल के अत्यंत करीब रहने वाले नंदी महाराज का दर्शन कर उनके पास जा कर परंपरा के अनुसार नंदी जी के कान में अपनी मनोकामनाएं कह कर बाबा तक पहुंचाने की विनती कर रहे थे ।
भक्तिमय वातावरण से सराबोर महाकाल मंदिर उपस्थित भक्तों की भोलेनाथ के प्रति दीवानगी देखते ही बन रही थी । सुध बुध खोए लोगों के जयकारे ” जय जय श्री महाकाल” , “हर हर महादेव” , “हर हर शंभू” , “ॐ नमः शिवाय” , से श्री महाकालेश्वर मंदिर की दसों दिशाएं गुंजयमान हो रही थी ।