बिलासपुर संभाग

अदालत में क्लर्क ने वकील पर किया हमला, न्यायाधीश के सामने हुई घटना, वकीलों ने कड़ी कार्रवाई की मांग की।

रायगढ़ ( शिखर दर्शन ) // शनिवार को न्यायालय परिसर में एक सनसनीखेज घटना घटी। एसडीएम कार्यालय में कार्यरत क्लर्क गोविंद प्रधान ने वरिष्ठ अधिवक्ता आशीष मिश्रा पर हमला कर दिया। गोविंद प्रधान की पत्नी ने उसके खिलाफ भरण-पोषण का मुकदमा दायर किया हुआ है, जिसकी पैरवी आशीष मिश्रा कर रहे थे। इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान, गोविंद प्रधान ने अधिवक्ता मिश्रा के साथ दुर्व्यवहार किया और उन पर हमला करने का प्रयास किया।

घटना का विस्तार

1. मामले की पृष्ठभूमि:

गोविंद प्रधान और उनकी पत्नी के बीच आपसी विवाद के चलते पत्नी ने न्यायालय में भरण-पोषण का मुकदमा दायर किया था। वरिष्ठ अधिवक्ता आशीष मिश्रा इस मामले में प्रधान की पत्नी की तरफ से वकील थे और अदालत में उनकी पैरवी कर रहे थे। इस संदर्भ में, शनिवार को न्यायालय में सुनवाई हो रही थी।

2. अदालत में हमला:

मुकदमे की सुनवाई के दौरान, गोविंद प्रधान ने आक्रोशित होकर अधिवक्ता आशीष मिश्रा पर हमला करने की कोशिश की। इस अप्रत्याशित हमले से न्यायालय में अफरा-तफरी मच गई और अदालत की कार्यवाही बाधित हो गई। घटनाक्रम के दौरान, अधिवक्ता मिश्रा के जूनियर वकीलों ने स्थिति को संभालने का प्रयास किया और गोविंद प्रधान को रोकने की कोशिश की। यह सब न्यायाधीश के समक्ष हुआ, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई।

3. न्यायालय की प्रतिक्रिया:

इस हमले के बाद, न्यायालय की ओर से एक ज्ञापन जारी किया गया, जिसमें इस गंभीर घटना की निंदा की गई और तत्काल प्रभाव से उचित कार्रवाई की मांग की गई। ज्ञापन में न्यायालय की गरिमा और सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की गई और ऐसे घटनाक्रम को भविष्य में रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात कही गई।

4. वकीलों की प्रतिक्रिया:

घटना की जानकारी मिलते ही, रायगढ़ के सभी वकील एकजुट हो गए और गोविंद प्रधान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। वकीलों ने इस हमले को न्यायालय और न्याय प्रणाली पर हमला बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की और जल्द से जल्द न्याय की मांग की। वकीलों का कहना था कि अदालत के अंदर ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।

5. पुलिस की कार्रवाई:

घटना के तुरंत बाद, चक्रधरनगर पुलिस ने गोविंद प्रधान को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने गोविंद प्रधान के खिलाफ आवश्यक कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है और इस मामले में विस्तृत जांच की जा रही है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि न्यायालय में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे और गोविंद प्रधान के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।

रायगढ़ की इस घटना ने न्यायालय की सुरक्षा और गरिमा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वकीलों और न्यायालय के सदस्यों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। यह घटना न्याय प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को उजागर करती है, जिससे न्यायालय परिसर में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और सभी का विश्वास न्याय प्रणाली में बनाए रखा जा सके।

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