लोकसभा में अब नहीं लगा पाएंगे जय फिलिस्तीन, जय हिंदू राष्ट्र….जैसे नारे, स्पीकर ओम बिरला ने नियमों में किया परिवर्तन

लोकसभा में संसद की सदस्यता के दौरान कुछ सदस्यों ने शपथ लेने के बाद नारेबाजी की थी। इसे देखते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने नियम में बड़ा बदलाव किया है। शपथ ग्रहण प्रक्रिया को लेकर एक महत्वपूर्ण संशोधन पेश किया गया है। लोकसभा अध्यक्ष ने सदन के कामकाज से संबंधित कुछ मामलों को रेगुलेट करने के लिए ‘अध्यक्ष के निर्देशों’ में ‘निर्देश-1’ में एक नया खंड जोड़ा है, जो पहले नियमों का हिस्सा नहीं था। स्पीकर ने नियम 389 में संशोधन कर दिया है, जिसके मुताबिक अब शपथ के प्रारूप के अतिरिक्त कोई भी सांसद कुछ नहीं बोल सकेगा। कोई अन्य टिप्पणी या नारेबाजी नहीं कर पाएगा।
जानकारी हो कि 18वीं लोकसभा के लिए चुने गए कुछ सांसदों ने हाल ही में शपथ लेते समय ‘जय फिलिस्तीन’, ‘जय हिंदू राष्ट्र’ जैसे नारे लगाए थे। असदुद्दीन ओवैसी ने जय फिलिस्तीन का नारा लगा दिया था। इसे लेकर जमकर बवाल हुआ था। इसका पूरे देश में विरोध हुआ था
अब स्पीकर ने नियम 389 में संशोधन कर दिया है, जिसके अनुसार अब शपथ के प्रारूप के अतिरिक्त कोई भी सांसद कुछ नहीं बोल सकेगा। कोई अन्य टिप्पणी या नारेबाजी बिल्कुल; भी नहीं कर पाएगा. किसी भी सदस्य द्वारा शपथ के प्रारूप से एक भी शब्द अलग बोलने की दशा में उसके खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार लोकसभा अध्यक्ष के पास पूर्णतः सुरक्षित रहेगा।
किया गया है विशेष बदलाव
‘डायरेक्शन-1’ में संशोधन के अनुसार, नया क्लॉज-3 अब कहता है कि कोई भी सदस्य जब शपथ लेगा तो शपथ या प्रतिज्ञान के रूप में किसी भी नए शब्द या अभिव्यक्ति का उपयोग बलकुल भी नहीं करेगा या कोई टिप्पणी भी नहीं करेगा। ज्ञात हो की यह संशोधन पिछले सप्ताह शपथ लेते समय कई सदस्यों की ओर से “जय संविधान” और “जय हिंदू राष्ट्र” जैसे नारे लगाने को देखते हुए किया गया है।
इस वजह से लिया फैसला
बता दें कि संसद सत्र के पहले और दूसरे दिन शपथ के दौरान कई सांसदों ने इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया था। यही नहीं, एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तो ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा भी लगा दिया था, जिस पर कई सदस्यों ने आपत्ति दर्ज कराई थी। तब स्पीकर ने सदस्यों से शपथ के तय फॉर्मेट का पालन करने का आग्रह किया था, लेकिन इसका किसी ने पालन नहीं किया था।
बिरला ने कहा, लोकसभा में 103 प्रतिशत कामकाज हुआ
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में 103 प्रतिशत कामकाज हुआ। बिरला ने बताया कि सत्र के दौरान कुल सात बैठकें हुईं और सदन करीब 34 घंटे तक चला। सत्र के दौरान 539 नवनिर्वाचित सदस्यों ने शपथ ली। इसके अलावा पहले सत्र में ओम बिरला का दोबारा स्पीकर के रूप में चुनाव हुआ और राष्ट्रपति का अभिभाषण भी हुआ। मंगलवार को लोकसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।
ओम बिरला ने यह भी बताया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में 68 सदस्यों ने भाग लिया। 26 जून को हुए लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव का जिक्र करते हुए बिरला ने ध्वनिमत से दूसरी बार उन्हें अध्यक्ष चुने जाने पर आभार व्यक्त किया। स्पीकर ने बताया कि 26 जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंत्रिपरिषद का सदन में परिचय कराया।