1 जुलाई श्री महाकाल भस्म आरती श्रृंगार दर्शन :
उज्जैन ( शिखर दर्शन ) मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि पर, रविवार को सुबह 4 बजे मंदिर के पट खोले गए। सबसे पहले बाबा महाकाल का पवित्र गंगा जल से अभिषेक किया गया । उसके बाद दूध , दही , घी , शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया गया।
भगवान महाकाल को भस्म चढ़ाई गई, भांग ,चंदन और त्रिपुंड अर्पित कर कलात्मक आभूषणों से भगवान महाकाल का अद्भुत श्रृंगार किया गया । बाबा ने शेष नाग का रजत मुकुट , रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित फूलों की माला धारण की। श्री आशुतोष को विभिन्न प्रकार के फल और उज्जैन नगरी की प्रसिद्ध मिठाइयों का भोग लगाया गया।
सुबह की भस्म आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर आत्मिक आनंद प्राप्त किया। कुछ श्रद्धालु नंदी महाराज का दर्शन कर परंपरा के अनुसार उनके कान में अपनी मनोकामनाएं कह कर भोले नाथ तक पहुंचाने की विनती कर रहे थे। इस दौरान श्रद्धालु महाकाल के जयकारे भी लगा रहे थे । जिससे श्री महाकालेश्वर मंदिर की दसों दिशाएं “जय जय श्री महाकाल” , “हर हर महादेव” , “हर हर शंभू” , ॐ नमः शिवाय से गुंजयमान हो रही थी ।