बंदूक की गोली से जलाई होली….

विदिशा/( शिखर दर्शन) जहां पूरे देश दुनिया में होली के त्यौहार की धूम है ,और जगह-जगह होलिका दहन किया जा रहा है , वहीं मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के अंतर्गत आने वाले सिरोंज में होली जलाने की एक अनोखी परंपरा चली आ रही है ।यहां सैकड़ो साल पहले से चली आ रही होलिका दहन में जब से यहां बंदूक का आगमन हुआ है तब से बंदूक की गोली से निकलने वाली आग से ही होली जलाने की परंपरा है ।
बंदूक की गोली से जलने वाली होली का को शहर के एक मुख्य स्थान पर जलाया जाता है । इसके बाद इस बड़ी होली की आग को ले जाकर नगर के अन्य स्थानों की होली जलाई जाती है आज भी शहर में रहने वाला कानूनगो माथुर परिवार इस परंपरा का निर्वहन कर रहा है ।
विदिशा जिले के सिरोंज में बीते कई वर्षों से बंदूक की गोली से निकलने वाली आग से ही होलिका दहन करने की परंपरा चली आ रही है । इस संबंध में आचार्य की परंपरा को जारी रखा और उसे तर्ज पर आज भी यहां होली ऐसे ही जलाई जाती है ।
वर्तमान परिवार के वंशज महेश माथुर ने एक कथा भी इस संदर्भ में बताइए उन्होंने कहा कि जब सिरोंज में मुगल शासन आया तो होली की परंपरा पर रोक लगाने का प्रयास किया गया । होली के चबूतरे पर घास का एक देर लगा दिया गया । जिस पर उनके पूर्वजों ने बंदूक से फायर कर होली जला दी थी । इसके बाद पीढ़ी दर पीढ़ी से या परंपरा इसी तरह चली आ रही है । खास बात यह है कि आदर्श आचार संहिता लगी होने के कारण इसमें कुछ बाधा आने की संभावना थी । जिसे देखते हुए आयोजकों ने पुलिस और अनुविभागीय अधिकारी से विशेष अनुमति लेकर बंदूक रखने और उसे इस परंपरा का निभाने की अनुमति मांगी थी। वहीं इस पूरे मामले को लेकर विदिशा जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रशांत चौबे ने कहा कि पुलिस का कार्य है कि सभी परंपराओं का निर्माण करते हुए कार्यक्रम आयोजित करवाई सिरोंज में आयोजित इस प्रकार के आयोजन को भी पूरी परंपरा के अनुसार मनाए जाने का अधिकार है । विशेष अनुमति देकर बंदूक को भी माथुर परिवार को सौंपा गया है ।