श्री महाकालेश्वर मंदिर में होलीका दहन : भगवान महाकाल को चढ़ाया गुलाल , कल भस्म आरती में भी खेली जाएगी होली.. प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा का होगा निर्वहन

उज्जैन/( शिखर दर्शन)// मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज रविवार को सबसे पहले होलिका दहन किया गया । इस दौरान पंडित और पुरोहित परिवार के सदस्यों के साथ हजारों भक्तों ने होलिका दहन के पश्चात होली की परिक्रमा लगाकर परंपरा निभाई इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्री महाकाल मंदिर पहुंचे हैं।
देश भर में श्री महाकाल मंदिर में सबसे पहले होता है होलिका दहन :
बताया जाता है कि पूरे देश भर में सबसे पहले होलिका दहन अवंतिका नगरी के श्री महाकालेश्वर मंदिर में होता है श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित प्रदीप गुरु ने बताया कि आज संध्या आरती के पहले बाबा श्री महाकाल का विशेष रूप से दिव्य श्रृंगार किया गया । इसके बाद संध्या कालीन आरती में फूलों और गुललों से सुसज्जित कंडे की होली बनाई गई । आरती के समापन के बाद मंदिर परिसर में होलिका दहन हुआ । उन्होंने बताया कि पूरे देश में सबसे पहले उज्जैन के महाकाल मंदिर में होलीका दहन कार्यक्रम संपन्न होता है ।
प्राचीन काल की परंपरा का हुआ निर्वहन
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी ने बताया कि प्राचीन काल से यह परंपरा चली आ रही है की सबसे पहले भगवान श्री महाकाल के आंगन में होलीका दहन होता है । इसके बाद ही देश भर में यह पर्व मनाया जाता है । आज मंदिर में हुई होलिका दहन को देखने और पूजा अर्चना करने के लिए बड़ी संख्या में देश भर से श्रद्धालु पहुंचे हैं । श्रद्धालुओं ने “जय जय श्री महाकाल”, “हर हर शंभू”, “हर हर महादेव”, “ॐ नमः शिवाय” के उद्घोष के साथ होलिका दहन का नजारा देखा ।
विशेष पूजा का हुआ आयोजन
मंदिर के पुजारी पंडित आशीष जी ने बताया कि उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में होलीका दहन को लेकर किसी प्रकार का मुहूर्त नहीं देखा जाता है । यहां पर निर्धारित समय पर होलिका दहन किया जाता है । आज भी पंडित और पुरोहित परिवार की ओर से महाकाल के आंगन में विशेष पूजा अर्चना की गई है इसके बाद होलिका दहन किया गया ।
भक्तों ने महाकाल को चढ़ाया गुलाल
श्री महाकालेश्वर मंदिर में गुलाल चंदन अर्पित कर होलीका दहन किया गया ।इसके बाद भगवान महाकाल को गुलाल उड़ाने के लिए शिव भक्त पहुंचे , महाकालेश्वर मंदिर पहुंची बिलासपुर की सारिका ने बताया कि राजाधिराज भगवान महाकाल के आंगन में होली का त्योहार हमेशा याद रहता है । भगवान को चंदन और गुलाल अर्पित करने का अवसर होली पर्व पर मिलता है । उन्होंने कहा की शिव भक्तों को इस समय का वर्ष भर इंतजार रहता है।
कल सुबह की भस्म आरती में भी खेली जाएगी होली
श्री महाकालेश्वर मंदिर में होलीका दहन के बाद अगले दिन होने वाली भस्म आरती में भी रंग और गुलाल उड़ाया जाएगा । भगवान महाकाल के रंग में रंगने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे हैं । इस दौरान भगवान महाकाल का श्रृंगार भी अद्भुत और अलौकिक होता है । भगवान को विशेष रूप से चंदन और गुलाल से सजाया जाता है ।