बिलासपुर संभाग

बिलासपुर तहसील कार्यालय में “पैसा ही सब कुछ”…. नहीं दोगे तो नहीं होगा काम , हाईकोर्ट ने कलेक्टर और एसडीएम को किया तलब ,

बिलासपुर (शिखर दर्शन)// छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर की मुख्य तहसील कार्यालय में किसी भी काम के लिए आप जाएंगे तो बिना पैसों के आपका कोई भी काम नहीं होगा । इस बात को लेकर वर्षों से पक्षकार परेशान हैं । परंतु कोई भी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की हिम्मत नहीं कर सका । परेशान पक्षकार या तो पैसा ले देकर अपना काम करवा लेते हैं या फिर महीनो तहसील न्यायालय के और एसडीएम न्यायालय के चक्कर लगाते रहते हैं । इस पूरे भ्रष्टाचार में तहसील परिसर में स्थित सभी शाखाओं के अधिकारी और उनके सहायक जबरदस्त तरीके से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं ।

ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के उच्च न्यायालय में दायर किया गया है । इसके संबंध में माननीय उच्च न्यायालय ने बिलासपुर जिला कलेक्टर एवं बिलासपुर तहसील कार्यालय के अनुविभागीय अधिकारी को कोर्ट में तलब किया है ।

    न्यायालीन सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार डायवर्सन के नाम पर बिलासपुर तहसील में भ्रष्टाचार और बिना पैसे के काम नहीं किए जाने की शिकायत के मामले में उच्च न्यायालय में याचिका लगाई गई है जिस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कड़ा रुख अपनाया और बिलासपुर कलेक्टर को शपथ पत्र के साथ जवाब देने को कहा है । कोर्ट ने कलेक्टर से पूछा है कि डायवर्सन के कितने मामले दर्ज हैं ? और कितने पेंडिंग है ? साथ ही हाईकोर्ट चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बिलासपुर कलेक्टर से शपथ पत्र के साथ जवाब मांगा है और 27 फरवरी की सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है । साथ ही बिलासपुर एसडीएम को भी तलब किया है ।

आपको जानकारी हो कि बिलासपुर निवासी रोहिणी दुबे ने बिलासपुर तहसील में एक डायवर्सन प्रकरण के संबंध में आवेदन किया था । कई महीनो बाद भी तहसील में इस मामले की ना तो सुनवाई हो रही थी और ना ही इसका निराकरण किया जा रहा था । इस बीच आवेदक रोहिणी दुबे को जानकारी मिली कि सिर्फ और सिर्फ कुछ पैसों को लेकर यह प्रकरण रोका जा रहा है इसका विरोध करते हुए उन्होंने अधिकारियों से जवाब मांगा लेकिन किसी ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया ।

इसके बाद रोहिणी दुबे ने अपने अधिवक्ता राजीव दुबे के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की , जिसमें कहा गया की तहसील कार्यालय में बिना पैसों के कुछ भी काम नहीं होता है । तहसील कार्यालय में एसडीएम के नाक के नीचे जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है ।

माननीय उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बिलासपुर कलेक्टर से शपथ पत्र के साथ जवाब मांगा है । और बिलासपुर एसडीएम को 27 फरवरी की सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है ।

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