तकनीकी

अमेरिका की प्राइवेट कंपनी ने पहली बार चंद्रमा पर उतारा लैंडर , साउथ पुल पर पहुंचा ” ओडिसियस “

    अंतरिक्ष एजेंसी नासा की सहायता से साउथ पोल पर “ओडिसियस”उतारने वाली प्राइवेट कंपनी ने अमेरिका के हाथ बड़ी सफलता लगी है । लेंडिंग 4:00 बज कर 53 मिनट पर हुई । अमेरिका ने पहली बार प्राइवेट कंपनी ( Intuitive Machines ) के जरिए चंद्रमा पर लैंडर उतारा है । 52 साल पहले अपोलो मिशन की सफलता के बाद अमेरिका का अंतरिक्ष यान शुक्रवार को चंद्रमा की सतह पर उतरा है ।

इंटूएटिव माशिंस की वेबसाइट के अनुसार IM _1 मिशन के तहत भेजे गए ओडिसीयस नाम के लैंडर ने चंद्रमा पर कदम रख लिया है । कंपनी के ceo अल्टेमस मैं कहा है कि “हम सतह पर हैं और ट्रांसमिशन रहे हैं चंद्रमा पर आपका स्वागत है”

   चंद्रमा पर आज तक जितने भी मिशन लैंड हुए हैं वह सभी सरकारी एजेंसियों के मिशन थे । बरसो पहले जब इंसान चांद पर उतरा था तो उस मिशन को अमेरिकी  अंतरिक्ष एजिंसी नासा ने बनाया था । और चीन की सरकारी एजेंसी भी चांद पर अपने मिशन पर जा चुकी हैं । पिछले साल भारत के चंद्रयान 3  ने चंद्रमा पर सफल लेंडिंग की थी जो की भारत की सरकारी एजेंसी इसरो का मिशन था ।

शुक्रवार को ऐसा पहली बार हुआ है जबकि प्राइवेट कंपनी के मून लैंडर ने चांद पर कदम रखा हो इसकी सबसे पहले कोशिश वर्ष 2019 में एक इसराइल कंपनी में की थी । लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाई थी । पिछले साल जापान की एक प्राइवेट कंपनी में भी अपना मिशन चांद भेजा था परंतु लेंडिंग के दौरान वह भी क्रैश हो गया था । परंतु अब “इंटूएटिव माशिन्स” को यह सफलता मिल चुकी है ।

7 दिन तक सक्रिय रहेगा यह मिशन :

इंटूएटिव मशीन को यह मिशन अगले 7 दिनों तक एक्टिव रहेगा । बता दें कि इससे पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान आयोग के चंद्रायन 3 की 23 अगस्त 2003 को चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग हुई थी । चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला भारत चौथा देश और  चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला पहला देश बन गया था ।स्पेस विशेषज्ञों के मुताबिक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचना आमतौर पर अत्यधिक कठिन माना जाता है ।

एक चक्कर अतिरिक्त लगाने के बाद हो पाई लैंडिंग :

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चंद्रयान की लैंडिंग के बाद ओडीसीएस के कंडीशन की जानकारी नहीं मिल पाई है । लेकिन इस मिशन के डायरेक्टर टीम क्रेन ने कहा कि हम बिना किसी संदेह के कह सकते हैं कि ऑडिशियस चंद्रमा की सतह पर मौजूद है। जानकारी के मुताबिक लैंडिंग से पहले इस स्पेसक्राफ्ट की स्पीड बढ़ गई थी । इसलिए ओडिसियस ने चंद्रमा का एक अतिरिक्त चक्कर लगाया था , जिसके चलते उसके लैंडिंग के समय में बदलाव हुआ था । पहले से समय के मुताबिक भारतीय समय अनुसार उसे 4:20 पर सॉफ्ट लैंडिंग करना था परंतु समय में कुछ परिवर्तन हो गया था ।

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