स्वास्थ्य

बसंत पंचमी के दिन कर्णभेदन का विशेष महत्व , कान छिदवाने से मिलता है यह फायदा….

बसंत पंचमी के दिन जहां एक ओर मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है वहीं दूसरी ओर इस दिन बच्चों का कर्णभेदन भी करवाया जाता है । हिंदू धर्म में सोलह संस्कारों में से एक कर्णभेदन संस्कार का उल्लेख मिलता है । बसंत पंचमी के दिन कर्णभेदन का विशेष महत्व माना जाता है । जिसके कारण सुनारों की दुकानों पर अच्छी खासी भीड़ भी देखने को मिलती है ।

कान छिदवाना हिंदू संस्कारों का एक हिस्सा रहा है । यह हमारे रीति रिवाज और परंपरा का अभिन्न हिस्सा है । कर्णभेदन की इस परंपरा का हमारी सभ्यता में बहुत अधिक महत्व है । बसंत पंचमी के दिन विशेष तौर पर कर्णभेदन करवाया जाता है।

बसंत पंचमी के दिन कर्णभेदन का महत्व :

१. कर्णभेदन सुनने की क्षमता बढ़ती है ।

२. कर्णभेदन से आंखों की रोशनी तेज होती है ।

३. कर्णभेदन से तनाव कम होता है ।

४. कर्णभेदन से लकवा जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा कम होता है ।

५. कर्णभेदन से बुरी शक्तियों का प्रभाव दूर होता है और व्यक्ति दीर्घायु होता है ।

६. कर्णभेदन से मस्तिष्क में रक्त संचार समुचित प्रकार से होता है ।

७. कर्णभेदन से दिमाग तेज चलता है ।

८. कर्णभेदन की परंपरा गुरुकुल के जमाने से ही है ।

९. लाल किताब के अनुसार कर्णभेदन से राहु और केतु के बुरे प्रभाव का असर कम हो जाता है ।

१०. पुरुषों के द्वारा कान छिदवाने से उनमें होने वाली हर्निया की बीमारी का खतरा कम हो जाता है ।

कान छिदवाने के बाद क्या करें :

कान छिदवाने के बाद उसमें चांदी या सोने की तार पहने । कान पके नहीं इसके लिए हल्दी को नारियल के तेल में मिलाकर तब तक लगाएं जब तक की छिद्र अच्छे से फ्री ना हो जाए ।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button