18 जनवरी श्रीमहाकाल भस्म आरती दर्शन : भगवान महाकाल के मस्तक पर चंदन , पंचमेवा से त्रिपुंड अर्पित कर विशेष प्रकार की पगड़ी पहनकर किया दिव्य श्रृंगार ,

उज्जैन /(शिखर दर्शन)// मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में गुरुवार सुबह 4:00 बजे मंदिर के पट खोले गए । भगवान महाकाल का सबसे पहले पवित्र गंगाजल से अभिषेक किया गया । इसके बाद दूध , दही , घी ,शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया गया, बाबा महाकाल को भस्म चढ़ाई गई ।
भांग चंदन और पंचमेवा से बाबा के मस्तक पर त्रिपुंड अर्पित कर एक विशेष दर्जे की पगड़ी पहनाकर आभूषणों से श्रृंगार किया गया । श्री महाकालेश्वर ने शेषनाग का रजत मुकुट , रजत मुंड की माला , रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की । बाबा को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया । इसके बाद भांग चंदन और त्रिपुंड अर्पित कर दिव्य श्रृंगार किया गया ।

सुबह भस्म आरती में सैकड़ो श्रद्धालुओं ने दर्शन कर आत्मिक आनंद प्राप्त किया । श्रद्धालुओं ने श्री महाकाल के अत्यंत करीब माने जाने वाले नंदी महाराज का दर्शन कर उनके कान में अपनी मनोकामनाएं कहीं । और बाबा तक पहुंचाने की विनती की इस दौरान श्रद्धालु बाबा महाकाल के जयकारे भी लगा रहे थे । पूरे मंदिर की दसों दिशाएं “जय जय श्री महाकाल” , “हर हर महादेव” , “हर हर शंभू” , “ॐ नमः शिवाय”, “श्री शिवाय नमस्तुभ्यं” के जयकारों से गुंजयमान हो रहा था ।
