16 जनवरी श्रीमहाकाल भस्म आरती दर्शन : ॐ के प्रतीक चिन्ह उत्कृष्ट त्रिपुंड अर्पित कर किया गया श्रृंगार !

उज्जैन/( शिखर दर्शन )//मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित विश्वप्रसिद्ध श्रीमहाकाल मंदिर के दरवाजे सुबह 4:00 बजे खोले गए । सबसे पहले श्रीमहाकाल का पवित्र गंगा जल से अभिषेक किया गया । इसके बाद दूध , दही , घी , शहद एवं फलों के रस से बने पंचामृत से बाबा का अभिषेक पूजन किया गया ।
श्री महाकालेश्वर को भस्म चढ़ाई गई , बाबा श्रीमहाकाल का भांग चंदन पंचमेवा और रजत आभूषणों से श्रृंगार किया गया । भांग चंदन और ॐ के प्रतिक चिन्ह उत्कृष्ट रजत त्रिपुंड अर्पित कर विशेष श्रृंगार किया गया । भगवान श्रीमहाकाल ने शेषनाग का रजत मुकुट , रजत मुंड की माला , रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की , और बाबा को फल और मिष्ठान का भोग लगाया गया ।
अवंतिका नगरी उज्जैन में पढ़ रही कड़ाके की ठंड के कारण पुजारी ने नंदी महाराज को ठंड से बचने के लिए रजाई और साल ओढ़ाया ।

सुबह की भस्म आरती में सैकड़ो श्रद्धालुओं ने दर्शन कर आत्मिक आनंद अनुभव किया । श्रद्धालुओं ने बाबा के सामने सदा उपस्थित रहने वाले नंदी महाराज का दर्शन कर उनके कानों में अपनी मनोकामनाएं कहा , और बाबा तक पहुंचाने की विनती की श्रद्धालु “जय जय श्री महाकाल” , “हर हर शंभू” , “ॐ नमः शिवाय” , “श्री शिवाय नमस्तुभ्यं” के नारे लगा रहे थे । श्रद्धालुओं के द्वारा लगाए जा रहे बाबा के जयकारों से श्रीमहाकालेश्वर मंदिर की दसों दिशाएं गुंजयमान हो रही थी ।