अन्तर्राष्ट्रीय

इजरायल ने गाजा का फिर बजाय बजा…. भीषण बमबारी के बीच 166 लोगों के मारे जाने व हजारों की संख्या में घायल होने की खबर

यरुशलम//गाजा में इजरायली सेना की भीषण बमबारी और गोलीबारी जारी है । सोमवार की रात इजरायली सेना की कार्रवाई में 166 लोगों के मारे जाने और सैकड़ो के घायल होने की खबर मिली है । सबसे ज्यादा मौतें उत्तरी गाजा के जबालिया शरणार्थी क्षेत्र में हुई है। गाजा में मरने वालों की संख्या करीब बीस हजार हो गई है इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे भी हैं । इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बताया है,  कि उन्होंने इजरायल से गाजा में युद्ध विराम के लिए नहीं कहा है । बाइडेन कि शनिवार रात इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से टेलीफोन पर बात हुई थी । बंधकों की रिहाई को लेकर हमास की कल से जो स्थिति बन गई है उसमें युद्ध में पीस रहे आम फ़लीस्तीनियों को कोई राहत मिलती हुई दिखाई नहीं दे रही है । गाजा में युद्ध तेज होने से सुरक्षा परिषद में रविवार को पारित प्रस्ताव के बेअसर होने का खतरा पैदा हो गया है ।

            1 दिसंबर को युद्ध विराम खत्म होने के बाद से गाजा का सबसे बड़ा शरणार्थी क्षेत्र जबालियां इजरायली सेना के निशाने पर है । इस क्षेत्र में 1948 में देश विभाजन के समय से करीब एक लाख लोगों की आबादी रह रही है । इस क्षेत्र में हथियारबंद संगठनों हमास और इस्लामी जिहाद ग्रुप की मजबूत पकड़ है।  इसके चलते इजरायली सेना को यहां पर कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है । इजरायली विमान यहां पर हफ्तों से बमबारी कर रहे हैं रविवार को कस्बे में घुसे टैंकों ने बीते 24 घंटे में भीषण गोलाबारी की है । इस दौरान इजरायली सेना को अपने आठ सैनिक भी खोने पड़े हैं। गाजा की लड़ाई में मरने वाले इजरायली सेना  के सैनिकों की संख्या बढ़कर अब 154 हो गई है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा शुक्रवार को पारित प्रस्ताव में गाजा में राहत सामग्री की पूर्ति की मांग की गई है । लेकिन इजरायल के गाजा में भीषण हमले की वजह से मांग पूरी होना मुश्किल लग रहा है । उधर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी गाजा में युद्ध विराम पर इजरायल से कोई भी बात नहीं हुई है । इससे निकट भविष्य में गाजा की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं । मुसीरत के शरणार्थी शिविर में परिवार के साथ रह रहे छह बच्चों के पिता इमाम 55 वर्षीय से ठिकाना छोड़ने के लिए कहा गया था । खाद्य सामग्री पेयजल का संकट और ठंड बारिश के मौसम में ठिकाना बदलकर  पहुंचे इमाद ने दुनिया वालों को बीमार मानसिकता वाला और अमानवीय करार दिया है ।

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