जबलपुर में जमीन के नीचे छिपा ‘सोने का भंडार’, GSI के महानिदेशक ने की पुष्टि — कई टन सोना होने का अनुमान

जबलपुर (शिखर दर्शन) // मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में स्थित सिहोरा तहसील के अंतर्गत सोने का विशाल भंडार मिलने की पुष्टि ने देशभर का ध्यान आकर्षित किया है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) के महानिदेशक असित साहा ने सिहोरा के बेला और बिनैका गांवों के पास भारी मात्रा में सोने के संभावित भंडार की पुष्टि करते हुए कहा कि यहां की जमीन के नीचे कई टन स्वर्ण दबा हो सकता है। फिलहाल इलाके में भू-वैज्ञानिक परीक्षण जारी है, जिसमें सोने जैसे कण और धातुएं मिलने के प्रमाण मिले हैं।
GSI द्वारा किए जा रहे इस भूगर्भीय सर्वेक्षण में यह संकेत मिला है कि लगभग 100 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में स्वर्ण धातु की उपस्थिति है। उल्लेखनीय है कि यह वही क्षेत्र है जहां पहले से ही आयरन ओर (लौह अयस्क) के विशाल भंडार मौजूद हैं, जो वर्षों से चीन सहित कई देशों को निर्यात किए जा रहे हैं।
महगवां केवलारी क्षेत्र में मिला है संभावित ‘स्वर्ण भंडार’
महगवां केवलारी और कटनी की सीमावर्ती ग्राम पंचायतों में फैले इस क्षेत्र में अब तक केवल लौह अयस्क की पहचान थी, लेकिन नए संकेतों ने इसे संभावित स्वर्ण क्षेत्र बना दिया है। जमीन की खुदाई और परीक्षण के दौरान जो नमूने सामने आए हैं, उनमें सोने के तत्वों की मौजूदगी से इनकार नहीं किया जा सकता।
मंथन कर रहे देश के दिग्गज भू वैज्ञानिक
जबलपुर में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला ‘क्रिटिकल मिनरल्स – एक्सप्लोरेशन एंड एक्सप्लॉइटेशन’ में देशभर के दिग्गज भू वैज्ञानिकों ने इस खोज पर मंथन किया। महानिदेशक साहा ने बताया कि वर्तमान में मध्यप्रदेश में GSI के 40 खनिज खोज प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिनमें से जबलपुर का यह प्रोजेक्ट अब सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
यदि यह अनुमान सटीक सिद्ध होता है, तो यह खोज न केवल मध्यप्रदेश की आर्थिक तस्वीर बदल सकती है, बल्कि देश को स्वर्ण उत्पादन के क्षेत्र में भी नई ऊंचाई तक ले जा सकती है।