MP के कुबेरेश्वर धाम में एक और श्रद्धालु की मौत: छत्तीसगढ़ से आए भक्त ने तोड़ा दम, मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर-एसपी से मांगा जवाब

कुबेरश्वर धाम में एक और श्रद्धालु की मौत, रुद्राक्ष महोत्सव में अब तक पांच की गई जान; मानव अधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट
सीहोर (शिखर दर्शन) // कुबेरश्वर धाम में आयोजित रुद्राक्ष महोत्सव और कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। बुधवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से आए 57 वर्षीय दिलीप पिता सत्तू नंद की मौत हो गई। बताया गया कि उन्हें अचानक घबराहट हुई, जिसके बाद तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

इससे पहले मंगलवार को दो महिलाओं की भी मौत हो चुकी है। दोनों ने अत्यधिक भीड़ और घबराहट के चलते दम तोड़ दिया था। बुधवार को दो और लोगों की मौत की सूचना से कुल मृतकों की संख्या अब पांच पहुंच चुकी है। मृतकों में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात और अब छत्तीसगढ़ के श्रद्धालु शामिल हैं। सभी श्रद्धालु प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में भाग लेने कुबेरश्वर धाम पहुंचे थे।
मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, 15 दिन में मांगी रिपोर्ट
दो महिलाओं की मौत और भीड़ प्रबंधन में संभावित लापरवाही को लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है। आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष राजीव कुमार टंडन ने सीहोर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से 15 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने यह जानना चाहा है कि:
- भीड़ प्रबंधन के लिए क्या सुरक्षा व्यवस्था की गई थी ?
- घायलों के इलाज में क्या कदम उठाए गए ?
- मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई या नहीं ?
यह संज्ञान भीड़ नियंत्रण और सार्वजनिक सुरक्षा की गंभीरता को उजागर करता है। रुद्राक्ष महोत्सव में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, लेकिन लगातार हो रही मौतों से आयोजन की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
भीषण गर्मी भी बन रही कारण
स्थानीय प्रशासन और डॉक्टरों का कहना है कि श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ने में भीषण गर्मी और अत्यधिक भीड़ अहम कारण बन रहे हैं। खुले में लंबा इंतजार और पर्याप्त चिकित्सा व शीतल जल की व्यवस्था न होने के कारण कई श्रद्धालु बेचैनी, घबराहट और हाई बीपी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
श्रद्धालुओं से अपील
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि भीड़ से बचने के लिए समयबद्ध दर्शन करें, धूप से बचने के लिए छायादार स्थानों पर रुकें और पानी की पर्याप्त मात्रा साथ रखें।
इस घटना ने एक बार फिर बड़े धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था की पुनर्समीक्षा की आवश्यकता को रेखांकित किया है ।