जबलपुर में जाली पासपोर्ट रैकेट का भंडाफोड़: एटीएस की छापेमारी में 2 अफगानी समेत 5 गिरफ्तार, अब तक 10 अफगानी नागरिकों के बन चुके फर्जी पासपोर्ट

फर्जी पासपोर्ट रैकेट में दो अफगानी समेत पांच गिरफ्तार, कोलकाता से भी एक आरोपी दबोचा

अंतरराष्ट्रीय जालसाजी का नेटवर्क, सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से बनाए गए 10 से अधिक जाली पासपोर्ट
जबलपुर (शिखर दर्शन) // मध्यप्रदेश एटीएस ने जाली पासपोर्ट रैकेट का बड़ा खुलासा करते हुए दो अफगानी नागरिकों समेत जबलपुर के तीन स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही एक अन्य अफगानी नागरिक को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया है, जो अपने एक साथी का भी फर्जी पासपोर्ट बनवा चुका था। यह पूरा गिरोह पिछले कई वर्षों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अफगानी नागरिकों के लिए भारतीय पासपोर्ट बनवाने का काम कर रहा था। एटीएस ने सभी आरोपियों को जिला अस्पताल में मुलाहिजा के बाद कोर्ट में पेश किया।
दो दशक से भारत में रह रहे थे अफगानी नागरिक
गिरफ्तार अफगानी नागरिकों में सोहबत खान और अकबर खान शामिल हैं। सोहबत खान वर्ष 2015 में अफगानिस्तान से भारत आया और भोपाल होते हुए जबलपुर पहुंचा, जहां उसने फर्जी दस्तावेज तैयार कर पासपोर्ट बनवाया। इसी पासपोर्ट के आधार पर वह कई बार अफगानिस्तान की यात्रा कर चुका है। वहीं, अकबर खान लगभग 30 साल पहले भारत आया था और उसने 1.20 लाख रुपये में फर्जी दस्तावेजों के सहारे जाली पासपोर्ट बनवाया था।
सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता उजागर
जांच में सामने आया है कि जबलपुर वन विभाग में पदस्थ दिनेश गर्ग ने इस फर्जीवाड़े में अहम भूमिका निभाई। उसने सोहबत खान को महेंद्र कुमार और चंदन सिंह से मिलवाया। इसके बाद महेंद्र और चंदन ने मिलकर पहले आधार कार्ड समेत अन्य पहचान पत्र बनवाए, फिर इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट तैयार करवा दिया गया।
पोस्टमैन से रास्ते में ही ले लेते थे पासपोर्ट
एटीएस को पूछताछ में पता चला है कि पासपोर्ट के वितरण के समय भी गड़बड़ी की जाती थी। आरोपी महेंद्र और चंदन, पोस्टमैन को रास्ते में रोककर उसे तीन हजार रुपये देकर पासपोर्ट ले लेते थे, ताकि किसी भी पते पर पहुंचकर असली पहचान सामने न आ सके।
कोलकाता से गिरफ्तार अकबर ने अपने साथी का भी बनवाया पासपोर्ट
कोलकाता से पकड़ा गया अफगानी नागरिक अकबर, जबलपुर में रह रहे सोहबत खान के संपर्क में आया था। सोहबत की मदद से उसने न केवल खुद का बल्कि अपने एक साथी का भी जाली पासपोर्ट बनवाया। उस साथी की तलाश अभी जारी है।
10 से अधिक फर्जी पासपोर्ट बनने की आशंका
जांच में सामने आया है कि जबलपुर में अब तक 10 से अधिक अफगानी नागरिकों के जाली पासपोर्ट बनाए जा चुके हैं। पिछले चार दिनों से एटीएस की टीम जबलपुर में डेरा डाले हुए है और मामले से जुड़े अन्य लोगों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
यह खुलासा न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि विदेशी नागरिक किस तरह फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारत में रह रहे हैं और बार-बार सीमाओं का उल्लंघन कर रहे हैं। मामले की जांच जारी है और एटीएस जल्द ही पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने की तैयारी में है।