प्रधानमंत्री मोदी ने शिबू सोरेन को दी अंतिम श्रद्धांजलि, भावुक हुए हेमंत सोरेन, पीएम का हाथ पकड़कर फूट-फूटकर रो पड़े

झारखंड के जननायक ‘दिशोम गुरु’ शिबू सोरेन का निधन, राष्ट्रीय शोक की लहर
नई दिल्ली (शिखर दर्शन) //
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक और जनजातीय अधिकारों के संघर्षशील प्रतीक शिबू सोरेन का सोमवार 4 अगस्त की सुबह निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे और बीते कई दिनों से लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। उनके निधन की खबर से झारखंड ही नहीं, पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद शिबू सोरेन को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए सर गंगाराम अस्पताल पहुंचे। वहां उन्होंने दिवंगत नेता के पुत्र और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। इस भावुक क्षण में हेमंत सोरेन खुद को संभाल नहीं पाए और प्रधानमंत्री का हाथ थामकर रो पड़े। यह दृश्य न केवल राजनीतिक बल्कि मानवीय संवेदना का प्रतीक बन गया।
पीएम मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “मैंने सर गंगाराम अस्पताल पहुंचकर शिबू सोरेन जी को श्रद्धांजलि दी। उनके परिवार से भी मुलाकात की। मेरी संवेदनाएं हेमंत जी, कल्पना जी और शिबू सोरेन जी के प्रशंसकों के साथ हैं।” प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से शोक व्यक्त करते हुए अस्पताल की कुछ तस्वीरें भी साझा की गईं।
शिबू सोरेन, जिन्हें ‘दिशोम गुरु’ के नाम से भी जाना जाता था, ने आदिवासी समाज के अधिकारों और गरिमा की रक्षा के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया। वे झारखंड आंदोलन के प्रमुख चेहरे रहे और कई बार राज्य के मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री भी बने।
उनके निधन की जानकारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने एक्स पोस्ट के माध्यम से साझा की। उन्होंने लिखा, “आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया हूँ।”
देशभर में शोक की लहर, शीर्ष नेताओं ने जताया दुख
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत अनेक राष्ट्रीय नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है। गृहमंत्री अमित शाह ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “शिबू सोरेन जी ने झारखंड में जनजातीय समाज के अधिकारों और उनके सशक्तीकरण के लिए दशकों तक संघर्ष किया। ईश्वर दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।”
राजनीतिक इतिहास में अमिट छाप छोड़ गए दिशोम गुरु
शिबू सोरेन का राजनीतिक सफर संघर्ष, साहस और सेवा की मिसाल रहा है। वे न केवल एक जननायक थे, बल्कि आदिवासी समाज के सशक्त स्वर और प्रेरणा स्रोत भी थे। उनका निधन भारतीय राजनीति के एक युग का अंत है।
उनका अंतिम संस्कार झारखंड में राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। अंतिम दर्शन के लिए झारखंड में बड़ी संख्या में लोग उमड़ने की संभावना है। राज्य सरकार ने श्रद्धांजलि सभा और शोक दिवस की घोषणा कर दी है।