दुर्ग संभाग

जेल से रिहा हुईं ननें, केरल बीजेपी अध्यक्ष के साथ रायपुर के लिए रवाना

दुर्ग जेल से रिहा हुईं मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार ननें, केरल बीजेपी अध्यक्ष के साथ हुईं रवाना
कांग्रेस, सीपीआई और चर्च ने बताया झूठा केस, NIA कोर्ट से मिली जमानत

दुर्ग (शिखर दर्शन) // छत्तीसगढ़ के दुर्ग में मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार केरल की दो ननों—सिस्टर वंदना फ्रांसिस और सिस्टर प्रीति मैरी—को बिलासपुर स्थित NIA कोर्ट से जमानत मिलने के बाद शुक्रवार को दुर्ग जेल से रिहा कर दिया गया। रिहाई के समय केरल भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर स्वयं दोनों ननों को लेने पहुंचे। उनके साथ भाजपा के केरल प्रदेश उपाध्यक्ष सॉन जॉर्ज भी मौजूद रहे। ननों की रिहाई के साथ ही जेल में बंद युवक सुखमन मण्डावी को भी छोड़ा गया है।

रिहाई के अवसर पर चर्च से जुड़े लोगों और कांग्रेस नेताओं ने दोनों ननों का सम्मान किया। इसके बाद वे केरल भाजपा अध्यक्ष के साथ रायपुर के लिए रवाना हो गईं।

क्या है पूरा मामला

25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर एक युवक नारायणपुर की तीन युवतियों को लेकर पहुंचा था। उन्हें लेने के लिए दो नन—सिस्टर वंदना और सिस्टर प्रीति—वहां आई थीं। इसी दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और ननों पर मानव तस्करी एवं धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए जीआरपी में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने ननों को गिरफ्तार कर लिया।

राजनीतिक और सामाजिक समर्थन

ननों की गिरफ्तारी के बाद यह मामला राजनीतिक रूप से गरमा गया। 29 जुलाई को कांग्रेस सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल दुर्ग पहुंचा और जेल में बंद ननों से मुलाकात की। सांसदों ने आरोप लगाया कि दोनों ननों को झूठे केस में फंसाया गया है। 30 जुलाई को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) का प्रतिनिधिमंडल भी जेल पहुंचा और ननों से मिलकर इसे ईसाई समुदाय पर हमला बताया। वहीं दिल्ली में प्रियंका गांधी ने केरल के सांसदों के साथ संसद परिसर में प्रदर्शन किया। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस सांसदों ने संसद में स्थगन प्रस्ताव भी लाया।

कोर्ट की कार्यवाही और जमानत

ननों की ओर से पहले जमानत याचिका सेशन कोर्ट में दाखिल की गई थी, लेकिन अदालत ने यह मामला मानव तस्करी से संबंधित बताते हुए इसे NIA कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में माना। इसके बाद एनआईए कोर्ट में केस की सुनवाई हुई। एक अगस्त को सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा और दो अगस्त को ननों की जमानत मंजूर कर ली।

निष्कर्ष

यह मामला जहां एक ओर मानव तस्करी और धर्मांतरण जैसे गंभीर आरोपों के चलते सुर्खियों में रहा, वहीं दूसरी ओर इसे राजनीतिक रंग भी मिला। ननों की रिहाई के बाद यह मामला और भी चर्चित हो गया है, क्योंकि इसमें कांग्रेस, सीपीआई और चर्च की सक्रियता के साथ-साथ भाजपा की सीधी भागीदारी भी सामने आई है। अब देखना यह होगा कि इस केस की आगे की जांच किस दिशा में जाती है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Don`t copy text!