राज्य में भूमि दस्तावेजों की नकल अब 3 से 7 दिन में होगी उपलब्ध: छत्तीसगढ़ सरकार ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत जारी की नई अधिसूचना

28 जुलाई से पूरे राज्य में लागू, पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ समयबद्ध सेवा का वादा
रायपुर (शिखर दर्शन) // अब छत्तीसगढ़ के नागरिकों को जरूरी भूमि दस्तावेज जैसे खसरा, खतौनी, नक्शा, नामांतरण पंजी, अधिकार अभिलेख (बी-1), चकबंदी रिकॉर्ड, मिसल या अन्य राजस्व प्रकरणों की नकल पाने के लिए महीनों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। राज्य सरकार ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी, सरल और समयबद्ध बनाने के लिए छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011 के तहत नई अधिसूचना जारी की है, जो 28 जुलाई 2025 से पूरे राज्य में लागू हो गई है।
इस अधिसूचना के अनुसार, सामान्य सेवा के तहत भूमि दस्तावेजों की नकल 7 कार्यदिवस के भीतर उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए सेवा प्रदायक अधिकारी नायब तहसीलदार, तहसीलदार और अतिरिक्त तहसीलदार होंगे। सक्षम प्राधिकारी तहसीलदार होंगे, जबकि अपील अधिकारी का कार्य अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) निभाएंगे। अंतिम स्तर पर कलेक्टर अपील की सुनवाई करेंगे।
वहीं, तत्काल सेवा के तहत नागरिकों को दस्तावेज 3 कार्यदिवस में प्राप्त होंगे। इस श्रेणी में सेवा प्रदायक अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) होंगे, सक्षम प्राधिकारी कलेक्टर होंगे, और अपील अधिकारी के रूप में संभागायुक्त कार्य करेंगे। नागरिक जिला कलेक्टर कार्यालय से भी दस्तावेजों की नकल प्राप्त कर सकेंगे।
सेवा प्राप्त करने के लिए जरूरी दस्तावेज:
- 5 रुपये का टिकट चिपकाया हुआ आवेदन पत्र
- संबंधित भूमि का पूरा विवरण (खसरा, नक्शा, बी-1 आदि)
- निर्धारित विधिक शुल्क
- तत्काल सेवा के लिए अतिरिक्त शुल्क
इस व्यवस्था से न केवल नागरिकों को समय पर सेवाएं मिलेंगी, बल्कि अधिकारी भी जवाबदेह होंगे। पहले जहां आवेदकों को महीनों इंतजार करना पड़ता था, वहीं अब तय समयसीमा में दस्तावेज मिलेंगे, जिससे राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि इससे पहले जारी सभी संबंधित अधिसूचनाएं अब अधिक्रमित मानी जाएंगी। यह कदम नागरिक सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने और शासन को जवाबदेह बनाने की दिशा में एक अहम पहल है।