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‘फटेगी समुद्र की छाती, आसमान छुएगी सुनामी…’ जापानी बाबा वेंगा की भविष्यवाणी हुई सच, रूस में भूकंप के बाद जापान में महाप्रलय का खतरा बढ़ा

‘समुद्र उबलेगा, सुनामी आसमान छुएगी’, रूस में भूकंप के बाद जापान में तबाही के संकेत

टोक्यो (शिखर दर्शन) //
जापान में तबाही के संकेत दिखने लगे हैं। 30 जुलाई को जापान के तटीय इलाकों में 16 जगहों पर सुनामी की लहरें उठीं, और यह सब कुछ उस भविष्यवाणी के बाद हुआ जो जापान की रहस्यमयी मंगा आर्टिस्ट रियो तात्सुकी ने महीनों पहले की थी। उन्हें लोग ‘जापानी बाबा वेंगा’ के नाम से जानते हैं। उन्होंने अपनी ग्राफिक नॉवेल ‘द फ्यूचर आई सॉ’ में जुलाई 2025 में विनाशकारी सुनामी की चेतावनी दी थी — और अब, रूस में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप के बाद यह डरावनी भविष्यवाणी सच होती दिखाई दे रही है।

भविष्यवाणी में था ‘समुद्र के उबलने’ और ‘आसमान छूने वाली लहरों’ का जिक्र
रियो तात्सुकी ने अपनी किताब में समुद्र के उबलने और एक विशाल सुनामी के आने की कल्पना की थी। उन्होंने दावा किया था कि जापान और फिलीपींस के बीच समुद्र तल में फटने से एक महाविनाशकारी सुनामी जन्म लेगी, जो 2011 की तबाही से तीन गुना अधिक शक्तिशाली होगी। अब जब रूस के कमचटका क्षेत्र में भीषण भूकंप आया और उसके बाद जापान, अमेरिका, न्यूजीलैंड और चीन समेत कई देशों में सुनामी का अलर्ट जारी हुआ, तो तात्सुकी की भविष्यवाणी फिर से चर्चा में आ गई।

फुकुशिमा रिएक्टर खाली कराया गया, व्हेल मछलियां किनारे पर आईं
जापान सरकार ने हालात को देखते हुए फुकुशिमा परमाणु रिएक्टर को एहतियात के तौर पर खाली करा लिया है। जापान के समुद्री किनारों पर बड़ी संख्या में व्हेल मछलियां बहकर आ रही हैं, जो जल प्रकोप के संकेत माने जा रहे हैं। देशभर में आपातकालीन सायरन गूंज रहे हैं और नागरिकों को तटीय इलाकों से हटाया जा रहा है।

तात्सुकी पहले भी कर चुकी हैं कई सटीक भविष्यवाणियां
1999 में प्रकाशित उनकी ग्राफिक नॉवेल ‘The Future I Saw’ में 2011 की भयानक सुनामी और फुकुशिमा परमाणु हादसे की भी चेतावनी दी गई थी — जो बाद में पूरी तरह सच निकली। उस तबाही में 18 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी। इसके अलावा उन्होंने कोबे भूकंप (1995), प्रिंसेस डायना की दुर्घटना, फ्रेडी मर्करी की मृत्यु, और कोविड-19 जैसी घटनाओं को लेकर भी भविष्यवाणियां की थीं।

2030 के लिए भी दी चेतावनी
तात्सुकी ने अपनी हालिया भविष्यवाणियों में यह दावा भी किया है कि 2030 में कोविड-19 का एक नया और कहीं अधिक घातक वेरिएंट उभर सकता है, जो विश्व को फिर से संकट में डाल सकता है।

निष्कर्ष:
एक बार फिर से रियो तात्सुकी की भविष्यवाणी और प्रकृति का प्रकोप आपस में मिलते नजर आ रहे हैं। जहां वैज्ञानिक इस विनाश के पीछे भूकंपीय गतिविधियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, वहीं आम लोग इसे जापानी बाबा वेंगा की चेतावनी के पूरा होने के रूप में देख रहे हैं। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या यह सुनामी 2011 से भी अधिक तबाही लाएगी, या समय रहते मानवता इसे टालने में कामयाब होगी।

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