मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू: ओबीसी आरक्षण, किसानों और युवाओं के मुद्दों पर गरमाएगा सदन

भोपाल (शिखर दर्शन) // मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शनिवार, 28 जुलाई से प्रारंभ हो गया है। सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे श्रद्धांजलि के साथ आरंभ होगी। इसके पश्चात प्रश्नोत्तर काल में विधायकों द्वारा विभिन्न जनसमस्याओं पर सवाल-जवाब किए जाएंगे। इस सत्र में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस के आसार हैं, खासकर ओबीसी आरक्षण, किसानों की समस्याएं, युवाओं की सुविधाएं और मुआवजे के मुद्दों को लेकर।
3377 सवालों से घिरा है सत्र, विपक्ष करेगा सरकार को कटघरे में खड़ा
इस बार के सत्र में विधायकों ने कुल 3377 सवाल लगाए हैं, जिनमें से 2076 ऑनलाइन माध्यम से जबकि 1301 सवाल ऑफलाइन दर्ज हुए हैं। इसके अतिरिक्त 226 ध्यानाकर्षण, 23 अशासकीय संकल्प और 65 शून्यकाल की सूचनाएं दी गई हैं। विपक्ष इन सवालों के जरिए सरकार को घेरने की तैयारी में है।
सदानीरा प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री करेंगे उद्घाटन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सुबह 10.20 बजे विधानसभा पहुंचेंगे। वे दोपहर 12.45 बजे कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में भाग लेंगे। दोपहर 1.30 बजे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा विधानसभा परिसर में ‘सदानीरा प्रदर्शनी’ का उद्घाटन किया जाएगा।
ओबीसी आरक्षण पर गरमाएगा माहौल, महासभा का घेराव आज
ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। इसी मुद्दे को लेकर ओबीसी महासभा ने आज भोपाल में बड़ा प्रदर्शन और दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने का ऐलान किया है। महासभा की मांग है कि 13 फीसदी आरक्षण से हटाए गए होल्ड को तुरंत हटाया जाए और जातिगत जनगणना कराई जाए।
विधायकों के सवालों में जनता की चिंता
बीजेपी विधायक सीताशरण शर्मा ने इटारसी की न्याय कॉलोनी में मुआवजा नहीं मिलने का मुद्दा उठाया है, वहीं कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने धार जिले के सरदारपुर में फुटबॉल खिलाड़ियों के लिए बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर ध्यान आकर्षण सूचना दी है।
10 बैठकें, कई अहम विधेयक होंगे पेश
मानसून सत्र 28 जुलाई से 8 अगस्त तक चलेगा, जिसमें कुल 10 बैठकें होंगी। 2 और 3 अगस्त को साप्ताहिक अवकाश रहेगा। इस सत्र में राज्य सरकार कई अहम विधेयक और अनुपूरक बजट पेश करेगी।
हंगामे के आसार, नारेबाजी-प्रदर्शन पर रोक बनी चर्चा का केंद्र
सत्र के दौरान विधानसभा में नारेबाजी और प्रदर्शन पर रोक के आदेश भी चर्चा का विषय बने हुए हैं। इन पाबंदियों को लेकर विपक्ष के विरोध और हंगामे के आसार जताए जा रहे हैं।
यह सत्र न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से अहम रहेगा बल्कि राज्य की सामाजिक और आर्थिक नीतियों की दिशा भी तय कर सकता है।