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जवान का पेट फाड़कर बम प्लांट करने वाला कुख्यात नक्सली योगेंद्र गंझू गिरफ्तार, तीन सहयोगी भी दबोचे गए

भाकपा माओवादी को तगड़ा झटका: जवान का पेट फाड़कर बम प्लांट करने वाला कुख्यात नक्सली योगेंद्र गंझू गिरफ्तार, झारखंड पुलिस की बड़ी कामयाबी

रांची (शिखर दर्शन) // झारखंड पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता हाथ लगी है। लंबे समय से सुरक्षा बलों की सूची में वांछित चल रहा और जवान का पेट फाड़कर बम प्लांट करने वाला दुर्दांत नक्सली योगेंद्र गंझू उर्फ पवन गंझू पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। उसके साथ तीन अन्य कुख्यात नक्सली—मुकेश गंझू, राजकुमार नाहक और मनु गंझू को भी गिरफ्तार किया गया है।

इन सभी की गिरफ्तारी रांची के खलारी थाना क्षेत्र के बक्सी बंगला चट्टी नदी इलाके में हुई, जहां गुप्त सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी कर कार्रवाई की। पुलिस ने इनके पास से एक लोडेड देसी पिस्तौल, तीन जिंदा कारतूस और आपत्तिजनक सामग्री भी जब्त की है।

एक करोड़ की रंगदारी मांग कर फंसे नक्सली

25 जून 2025 को सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) के महाप्रबंधक कार्यालय में कार्यरत एक कर्मचारी को भाकपा माओवादी के नाम पर एक करोड़ रुपये की रंगदारी की धमकी दी गई थी। इस धमकी के पीछे माओवादी संगठन की कोयल-शंख जोनल कमेटी का नाम सामने आया। मामले की गंभीरता को देखते हुए रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा के निर्देश पर विशेष पुलिस टीम बनाई गई, जिसने इन नक्सलियों को गिरफ्तार किया।

कौन है योगेंद्र गंझू उर्फ पवन गंझू?

गिरफ्तार नक्सली योगेंद्र गंझू झारखंड के कई जिलों में दर्जनों गंभीर मामलों में वांछित था। वर्ष 2013 में लातेहार के गारू थाना क्षेत्र में माओवादी मुठभेड़ के बाद उसने एक शहीद जवान का पेट चीरकर उसमें बम प्लांट किया था, ताकि अन्य सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाया जा सके।

2006 में वह भाकपा माओवादी से जुड़ा और गारू-सरयू क्षेत्र का एरिया कमांडर बना। 2009 में उसे सब-जोनल कमांडर की जिम्मेदारी दी गई थी। 2012 में वह पहली बार गिरफ्तार हुआ, लेकिन बाद में जमानत पर बाहर आने के बाद संगठन से दूरी बना ली थी। हालांकि आर्थिक तंगी और आपराधिक मानसिकता के चलते उसने दोबारा संगठन की ओर रुख किया और कोयला व्यवसायियों, ठेकेदारों और कर्मचारियों से रंगदारी वसूलने लगा।

राज्य की सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी सफलता

इस गिरफ्तारी को झारखंड पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है, क्योंकि योगेंद्र गंझू जैसे खूंखार नक्सली की गिरफ्तारी से संगठन को बड़ा झटका लगा है। साथ ही इससे राज्य में नक्सल प्रभावित इलाकों में डर का माहौल भी कमजोर होगा।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार नक्सलियों से पूछताछ में कई और खुलासे हो सकते हैं। आने वाले दिनों में राज्य के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह की सघन कार्रवाई की योजना बनाई गई है।

निष्कर्ष

झारखंड में नक्सली नेटवर्क को तोड़ने के लिए पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां लगातार सक्रिय हैं। योगेंद्र गंझू जैसे खतरनाक नक्सली की गिरफ्तारी से न केवल नक्सली संगठन को तगड़ा झटका लगा है, बल्कि आम लोगों में सुरक्षा को लेकर एक सकारात्मक संदेश भी गया है। राज्य सरकार ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए इसे नक्सलवाद के खिलाफ एक निर्णायक मोड़ बताया है।

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