म्यूचुअल फंड्स ने दिया जोरदार घाटा: 393 फंड्स में निवेशकों को नुकसान, टॉप 10 घाटे वाले फंड्स की पूरी लिस्ट देखिए

मुंबई (शिखर दर्शन) // जुलाई 2025 का पहला हफ्ता म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए काफी नुकसानदेह साबित हुआ है। भारतीय शेयर बाजार की गिरावट ने निवेशकों के पोर्टफोलियो में सेंध लगा दी है। बीते सप्ताह जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक, कुल 463 म्यूचुअल फंड स्कीम्स में से 393 फंड्स ने निगेटिव रिटर्न दिया। यानी करीब 85 प्रतिशत फंड्स में निवेशकों को नुकसान हुआ है। सिर्फ 70 फंड्स ऐसे रहे, जिन्होंने मामूली कमाई कराई।
5% तक का नुकसान, पोर्टफोलियो पर गहरा असर
इस सप्ताह कई निवेशकों को 5 फीसदी तक का नुकसान झेलना पड़ा है। खासकर विदेशी निवेश से जुड़े फंड्स और कुछ थीमैटिक स्कीम्स ने सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की है।
बाजार की चाल: घरेलू बाजार नीचे, विदेशी बाजार मजबूत
- BSE Sensex: -1.12%
- Nifty50: -1.22%
इसके उलट, वैश्विक बाजारों ने बेहतर प्रदर्शन किया:
- Dow Jones: -0.07%
- Nasdaq: +0.84%
- S&P 500: +0.47%
- Hang Seng: +1.05%
टॉप 10 म्यूचुअल फंड्स जिन्होंने सबसे ज्यादा घाटा दिया (जुलाई 2025)
- HSBC Brazil Fund: -5.04%
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमजोरी के चलते सबसे अधिक नुकसान हुआ।
- HDFC Defence Fund: -3.17%
- रक्षा क्षेत्र पर केंद्रित देश का इकलौता फंड, भारी दबाव में आया।
- Quant Momentum Fund: -1.95%
- तेजी पर आधारित थीमैटिक फंड, बाजार की गिरावट से प्रभावित।
- Edelweiss Mid Cap Fund: -1.92%
- मिड-कैप शेयरों की गिरावट का असर।
- Quant Manufacturing Fund: -1.91%
- निर्माण क्षेत्र आधारित स्कीम, इस हफ्ते कमजोर प्रदर्शन।
- Quant ESG Integration Strategy Fund: -1.89%
- UTI Quant Fund: -1.82%
- ITI Focused Fund: -1.81%
- Samco Flexi Cap Fund: -1.74%
- Quant Mid Cap Fund: -1.72%
निवेशकों के लिए सलाह
विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय घबराने की नहीं, बल्कि सतर्क होकर रणनीति पर दोबारा विचार करने की ज़रूरत है। जिन निवेशकों के पोर्टफोलियो में उपरोक्त फंड्स हैं, उन्हें लॉन्ग टर्म व्यू अपनाना चाहिए और हड़बड़ी में कोई बड़ा फैसला नहीं लेना चाहिए। बाजार में मौजूदा गिरावट अस्थायी हो सकती है, लेकिन यह जरूर संकेत है कि सेक्टर-विशेष निवेशों में जोखिम अधिक होता है।
निष्कर्ष:
जुलाई के पहले हफ्ते में भारतीय म्यूचुअल फंड सेक्टर ने निवेशकों को चेताया है कि विविधता और दीर्घकालिक सोच से ही अस्थिर बाजार में संतुलन बनाए रखा जा सकता है।