राजस्व निरीक्षक भर्ती घोटाले पर गरमाया सदन: प्रश्नकाल में घिरे मंत्री, विपक्ष ने किया वॉकआउट

रायपुर (शिखर दर्शन) // छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सोमवार को राजस्व निरीक्षक की विभागीय परीक्षा में अनियमितता का मामला जोरशोर से उठा। प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक राजेश मूणत, अजय चंद्राकर और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मुद्दे को लेकर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा को घेरा। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने जोरदार हंगामा करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।

भाजपा विधायक मूणत ने पूछा कि विभागीय परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर गृह विभाग की जांच का क्या हुआ, दोषियों पर कब कार्रवाई होगी और कुल कितने अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए? मंत्री वर्मा ने जवाब में कहा कि यह परीक्षा पिछली सरकार के कार्यकाल में आयोजित हुई थी। परीक्षा के बाद शिकायतें सामने आईं, जिनकी जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित की गई। जांच में अनियमितताएं पाई गई हैं। भाई-भाई और अन्य रिश्तेदार एक ही कक्ष में बैठे पाए गए। मामले की जांच अब आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) को सौंपी गई है।
मूणत ने आरोप लगाया कि मंत्री को पदभार ग्रहण किए 9 दिन भी नहीं हुए थे, तब परीक्षा ली गई और इसमें साफ-साफ साजिश नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि जांच में अनियमितता साबित होने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मंत्री वर्मा ने कहा कि दस्तावेज साक्ष्य की श्रेणी में नहीं आते, परंतु कॉल डिटेल्स के आधार पर गहराई से जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल उठाया कि क्या परीक्षा भाजपा सरकार आने के बाद हुई थी? जिस पर मंत्री ने स्वीकार किया कि परीक्षा जनवरी 2024 में हुई और परिणाम फरवरी में आया। इसके बाद विपक्ष ने भाजपा सरकार पर गड़बड़ी के आरोप लगाए। भूपेश बघेल ने यह भी पूछा कि क्या इस मामले की सीबीआई से जांच कराई जाएगी?
इस बीच भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कांग्रेस नेताओं से पलटकर सवाल किया कि क्या उन्हें सीबीआई पर भरोसा है? सत्ता और विपक्ष के बीच हुई तीखी नोकझोंक के बाद नाराज विपक्षी विधायक वॉकआउट कर सदन से बाहर चले गए।
इस घटनाक्रम ने विधानसभा सत्र में एक बार फिर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव को उजागर कर दिया, वहीं इस गंभीर मुद्दे पर अब निगाहें ईओडब्ल्यू की जांच और आगामी सत्र में संभावित कार्रवाई पर टिकी हैं।