अहमदाबाद विमान हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आई सामने: फ्यूल स्विच सिस्टम में तकनीकी चूक बना संभावित कारण
अहमदाबाद (शिखर दर्शन) // अहमदाबाद में 12 जून को हुए एअर इंडिया के विमान हादसे के एक महीने बाद एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है। 15 पन्नों की इस रिपोर्ट में हादसे के पीछे सबसे संभावित कारण फ्यूल कंट्रोल स्विच के अचानक शिफ्ट होने को बताया गया है, जिससे उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद दोनों इंजन बंद हो गए और विमान एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर जा गिरा।
रिपोर्ट के अनुसार, टेकऑफ के तुरंत बाद दोनों फ्यूल स्विच ‘कटऑफ’ पोजिशन में चले गए, जिससे इंजन में ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई। कॉकपिट की रिकॉर्डिंग से पता चला कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा, “क्या तुमने स्विच बंद किया?” जवाब मिला, “नहीं।” इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि यह कोई जानबूझकर की गई प्रक्रिया नहीं थी।
विशेषज्ञों का कहना है कि फ्यूल स्विच को गलती से बदलना सामान्यतः संभव नहीं है, क्योंकि यह तीन-चरणीय सुरक्षा प्रक्रिया से लैस होता है—पकड़ना, लॉक खोलना और फिर रिलीज करना। यह सामान्य स्विच नहीं होता जो हल्के धक्के से दब जाए।

रिपोर्ट में उल्लेख है कि वर्ष 2018 में अमेरिकी संघीय विमानन प्रशासन (FAA) ने बोइंग 737 विमानों के कुछ मॉडलों में फ्यूल स्विच लॉकिंग सिस्टम की कमी को लेकर एक विशेष सलाह (SAIB) जारी की थी। हालांकि यह चेतावनी अनिवार्य सुरक्षा निर्देश नहीं थी, लेकिन उसकी अनदेखी अब बड़ा सवाल बन गई है।
इस हादसे में 242 यात्रियों में से केवल एक व्यक्ति बच पाया, जबकि जमीन पर मौजूद 19 लोगों की मौत हो गई थी। इस त्रासदी ने विमानन सुरक्षा में छोटी-छोटी तकनीकी बातों के महत्व को रेखांकित कर दिया है।
एअर इंडिया के इस विमान को दो अनुभवी पायलट उड़ा रहे थे—कैप्टन सुमीत सभरवाल, जिनके पास 15,638 घंटे का उड़ान अनुभव था, और को-पायलट क्लाइव कंडर, जिनके पास 3,403 घंटे का अनुभव था। एविएशन मंत्रालय के पूर्व ज्वाइंट सेक्रेटरी संत कौल ने कहा कि इतने अनुभवी पायलट्स की गलती मानना जल्दबाजी होगी और पूरी जांच के बाद ही निष्कर्ष निकाला जाना चाहिए।
पूर्व AAIB अधिकारी कैप्टन किशोर चिंता ने इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि यदि फ्यूल स्विच अपने-आप इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट की गड़बड़ी से ट्रिगर हुए, तो यह गंभीर तकनीकी समस्या है, जिसे बोइंग को जल्द से जल्द स्पष्ट करना होगा।
निष्कर्षतः, अहमदाबाद विमान हादसा एक बार फिर यह बता गया कि उड्डयन क्षेत्र में हर छोटी चेतावनी, चाहे वह सिर्फ सलाह ही क्यों न हो, को गंभीरता से लेना अनिवार्य है। FAA की 2018 की चेतावनी की अनदेखी आज इतने बड़े हादसे का कारण बन सकती है—यह सबक न केवल एयर इंडिया बल्कि वैश्विक विमानन जगत के लिए भी है।