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अहमदाबाद प्लेन हादसे की जांच में चौंकाने वाला खुलासा: अमेरिकी मीडिया का दावा; तकनीकी खराबी नहीं, फ्यूल स्विच बंद होने से बंद हो गए दोनों इंजन, आज आ सकती है रिपोर्ट

अहमदाबाद (शिखर दर्शन) // 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के हादसे की प्रारंभिक जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। शुरुआती जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि विमान में कोई तकनीकी खराबी नहीं थी, बल्कि उड़ान भरने के तुरंत बाद उसके दोनों इंजनों की फ्यूल सप्लाई बंद हो गई थी। इसकी वजह फ्यूल कंट्रोल स्विच का बंद होना बताया गया है। इस हादसे में 241 यात्रियों की मौत हो गई थी, जबकि केवल एक यात्री की जान बच सकी थी।

अमेरिकी मीडिया वॉल स्ट्रीट जनरल ने रिपोर्ट में दावा किया है कि पायलट द्वारा इंजन के फ्यूल सप्लाई कंट्रोल स्विच बंद किए जाने के चलते इंजन को पर्याप्त ताकत (थ्रस्ट) नहीं मिल सकी और उड़ान भरने के कुछ ही सेकेंड बाद विमान एक मेडिकल कॉलेज हॉस्टल की इमारत से टकरा गया।

ब्लैक बॉक्स से मिले अहम सुराग

जांच एजेंसियों को मिले ब्लैक बॉक्स के शुरुआती डेटा से यह भी सामने आया है कि टेकऑफ से ठीक पहले या उसके दौरान दोनों इंजनों के फ्यूल स्विच में संदिग्ध मूवमेंट हुआ था। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह गलती पायलट से हुई, किसी तकनीकी गड़बड़ी से, या किसी और कारण से। हालांकि, एविएशन एक्सपर्ट्स का कहना है कि फ्यूल स्विच इतने संवेदनशील नहीं होते कि गलती से दब जाएं, इन्हें जानबूझकर ही ऑन या ऑफ किया जाता है।

कैसे हुआ हादसा

12 जून की सुबह, विमान ने अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन महज 30 सेकंड बाद ही मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गया। टक्कर के बाद विमान में धमाका हुआ और आग लग गई। हादसे में 241 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जिनमें यात्री और क्रू मेंबर शामिल थे। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भी मृत्यु हुई।

फ्यूल स्विच का महत्व

ड्रीमलाइनर विमानों में फ्यूल कंट्रोल स्विच दो पोजिशन में होते हैं – रन और कटऑफ। अगर उड़ान के समय स्विच कटऑफ पर चला जाए, तो इंजन में फ्यूल जाना बंद हो जाता है, जिससे इंजन फेल हो जाता है और पावर सप्लाई रुक सकती है, जिससे कॉकपिट के कई सिस्टम भी बंद हो सकते हैं।

सरकारी जांच और रिपोर्ट

एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) हादसे की जांच कर रहा है। नियमों के मुताबिक 30 दिन में प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की जाती है, जो आज आ सकती है। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बताया था कि हादसे के सभी पहलुओं की जांच हो रही है, जिसमें साजिश की आशंका भी शामिल है। तीन महीने में विस्तृत जांच रिपोर्ट आने की संभावना है।

DGCA ने पूरे बेड़े की जांच कराई

इस हादसे के बाद एअर इंडिया के सभी 33 ड्रीमलाइनर विमानों की जांच DGCA के निर्देश पर की गई, लेकिन किसी में कोई तकनीकी गड़बड़ी नहीं पाई गई। सरकार ने इसे एक अपवाद मानते हुए यात्रियों से निडर होकर सफर करने की अपील की है। AAIB सभी एंगल से जांच कर रहा है और CCTV फुटेज की भी जांच हो रही है।


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