शेयर बाजार में सतह पर सन्नाटा, भीतर हलचल तेज़: सेंसेक्स-निफ्टी में मामूली गिरावट, लेकिन संकेत चिंताजनक

मुंबई (शिखर दर्शन) // हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन शेयर बाजार की चाल जितनी सतह से शांत दिखी, भीतर से उतनी ही उथल-पुथल भरी नजर आई। सेंसेक्स खबर लिखे जाने तक 40 से 50 अंक की मामूली बढ़त के साथ 83,488.61 पर कारोबार करता देखा गया, जबकि निफ्टी 6.10 अंक गिरकर 25,467.80 पर आ गया। हालांकि यह गिरावट आंकड़ों में मामूली दिखती है, लेकिन बाजार की आंतरिक गतिविधियां कुछ और संकेत दे रही हैं।
लाल निशान में आधे से ज्यादा शेयर, दबाव में बाजार
सेंसेक्स के 30 में से 17 शेयर गिरावट में रहे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भले ही सूचकांक स्थिर है, लेकिन अधिकांश स्टॉक्स पर बिकवाली का दबाव है। टाइटन में 5% से ज्यादा की गिरावट ने निवेशकों को चौंकाया, जबकि कोटक महिंद्रा बैंक में आई 4% की मजबूती ने बाजार को कुछ हद तक संभाला। इसके अलावा जोमैटो, टाटा मोटर्स और अडाणी पोर्ट्स जैसे स्टॉक्स में 1% तक की बढ़त दर्ज की गई।
निफ्टी की बात करें तो इसके 50 में से 31 शेयर गिरावट में रहे, जबकि महज 19 स्टॉक्स में बढ़त देखी गई। यह दर्शाता है कि इंडेक्स पर कुछ चुनिंदा भारी वेटेज स्टॉक्स का दबदबा बना हुआ है, जबकि बाकी बाजार कमजोर दिख रहा है।
सेक्टोरल रुझान: बैंकिंग, ऑटो में उम्मीद, IT और फार्मा में सुस्ती
आज के सत्र में IT, फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर में गिरावट देखी गई, वहीं रियल एस्टेट, बैंकिंग और ऑटो सेक्टर्स में हल्की मजबूती बनी रही। जानकारों का मानना है कि यह “सेक्टोरल रोटेशन” की ओर संकेत है, जहां निवेशक एक सेक्टर से पैसा निकालकर दूसरे में निवेश कर रहे हैं।
वैश्विक संकेत: एशिया से राहत, अमेरिका से निराशा
विदेशी बाजारों से मिले संकेत भी बाजार की चाल पर असर डाल रहे हैं। एशियाई बाजारों में आज रौनक रही:
- जापान का निक्केई 0.31% की बढ़त के साथ 39,711 पर
- कोरिया का कोस्पी 1.14% ऊपर 3,094 पर
- शंघाई कंपोजिट 0.58% ऊपर 3,493 पर
- हालांकि, हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग 0.86% गिरकर 24,094 पर बंद हुआ
वहीं अमेरिकी बाजारों में गिरावट का दौर जारी है:
- डाउ जोन्स 0.94% गिरकर 44,406 पर
- नैस्डैक कंपोजिट 0.92% टूटकर 20,412 पर
- S&P 500 भी 0.79% गिरकर 6,230 पर बंद हुआ
यह दर्शाता है कि अमेरिका में मंदी की आशंका अभी टली नहीं है और वैश्विक जोखिम बरकरार है।
निवेश प्रवाह: घरेलू निवेशकों का भरोसा बरकरार
7 जुलाई को जहां विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने ₹321.16 करोड़ की बिकवाली की, वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने ₹1,853.39 करोड़ की जबरदस्त खरीदारी की। जून और मई के आंकड़े भी इसी रुझान को दर्शाते हैं, जहां DIIs की पकड़ लगातार मजबूत बनी हुई है।
पिछला सत्र: सतह पर फ्लैट, लेकिन संकेत भारी
7 जुलाई को बाजार लगभग फ्लैट रहा – सेंसेक्स महज 10 अंकों की बढ़त के साथ 83,443 पर बंद हुआ, और निफ्टी 25,461 पर स्थिर रहा। हालांकि BEL, टेक महिंद्रा और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसे शेयरों में गिरावट ने बाजार की कमजोरी को उजागर किया, जबकि कोटक महिंद्रा बैंक और HUL की मजबूती ने संतुलन बनाया।
संकेत क्या कह रहे हैं?
मौजूदा गिरावट भले ही तकनीकी रूप से 0.1% से भी कम हो, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह सतही स्थिरता गहरे जोखिम की चेतावनी भी हो सकती है। जब ज्यादा शेयर गिरते हैं और इंडेक्स स्थिर रहता है, तो यह संकेत होता है कि कुछ भारी वेटेज स्टॉक्स के भरोसे पूरा बाजार खड़ा है। यदि आने वाले 1-2 सत्रों में निफ्टी 25,400 के नीचे बंद होता है, तो यह एक व्यापक करेक्शन की शुरुआत का संकेत हो सकता है।
निष्कर्ष:
शेयर बाजार फिलहाल ऊपरी तौर पर शांत नजर आ रहा है, लेकिन आंतरिक संकेत कुछ और कहानी कह रहे हैं। सतर्क निवेशक ही फिलहाल बाज़ी मार सकते हैं क्योंकि बाजार की मौजूदा चाल धोखा देने वाली भी साबित हो सकती है।