शेख हसीना को छह माह की जेल: इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने सुनाया अवमानना का फैसला, भारत में रह रहीं पूर्व पीएम

नई दिल्ली/ढाका (शिखर दर्शन) // बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग की नेता शेख हसीना को इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल-1 ने अदालत की अवमानना के मामले में छह महीने की जेल की सजा सुनाई है। यह फैसला उस वायरल ऑडियो क्लिप के आधार पर दिया गया है जिसमें हसीना को कथित रूप से यह कहते सुना गया था, “मेरे खिलाफ 227 केस हैं, इसलिए मुझे 227 लोगों को मारने का लाइसेंस मिल गया है।”
यह मामला पिछले साल अक्टूबर का है जब शेख हसीना और ढाका की एक स्थानीय नेता शकील अकंद बुलबुल के बीच हुई एक कथित फोन बातचीत सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इस कॉल में न्यायपालिका के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेकर हसीना पर कोर्ट की अवमानना का मामला दर्ज किया गया था।
बुलबुल को भी दो महीने की सजा
उसी मामले में ट्रिब्यूनल ने शकील अकंद बुलबुल को भी दो महीने की जेल की सजा सुनाई है। बुलबुल, बांग्लादेश छात्र लीग (BCL) से जुड़ी रही हैं और राजनीतिक रूप से सक्रिय रही हैं।
तख्तापलट के बाद भारत भागीं हसीना
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में पिछले साल 5 अगस्त को हुए बड़े पैमाने पर विद्रोह और तख्तापलट के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और भारत में शरण ली थी। तब से वे भारत में ही रह रही हैं।
बांग्लादेश सरकार ने किया पासपोर्ट रद्द, जारी किया वारंट
नई सरकार ने शेख हसीना पर हत्या, अपहरण और देशद्रोह जैसे 225 से अधिक संगीन आरोपों में मुकदमे दर्ज किए हैं। जुलाई 2024 में बांग्लादेश सरकार ने हसीना का पासपोर्ट रद्द कर दिया था और इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए 12 फरवरी तक पेश होने का निर्देश दिया था।
भारत से प्रत्यर्पण की मांग, लेकिन वीजा बढ़ाया गया
बांग्लादेश सरकार ने भारत से शेख हसीना को डिपोर्ट करने की अपील की थी, लेकिन भारत सरकार ने हसीना का वीजा बढ़ा दिया, जिससे साफ हो गया कि भारत फिलहाल उन्हें बांग्लादेश प्रत्यर्पित नहीं करेगा।
यह पहला मौका है जब अपदस्थ पीएम शेख हसीना को किसी मुकदमे में सजा सुनाई गई है। यह मामला बांग्लादेश की राजनीति और भारत-बांग्लादेश संबंधों के भविष्य के लिए एक बड़ा मोड़ माना जा रहा है।