शेयर बाजार में गिरावट की गूंज: ईरान की धमकी से सेंसेक्स 674 और निफ्टी 201 अंक टूटा, निवेशकों की चिंता बढ़ी

नई दिल्ली (शिखर दर्शन) // सप्ताह की शुरुआत भारतीय शेयर बाजार के लिए भारी निराशा लेकर आई। सोमवार को सेंसेक्स 674.02 अंकों की गिरावट के साथ 81,734.16 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 201.85 अंकों की गिरावट के साथ 24,910.55 के स्तर पर पहुंच गया। वैश्विक स्तर पर तेल आपूर्ति को लेकर बढ़ती चिंताओं और भू-राजनीतिक तनावों का असर घरेलू बाजार पर साफ देखा गया।
गिरावट की सबसे बड़ी वजह: होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का ईरान का प्रस्ताव
ईरान की संसद ने अमेरिकी हवाई हमले के जवाब में होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। यह समुद्री मार्ग दुनिया के 20–25% कच्चे तेल का प्रमुख रास्ता है। इसके बंद होने की आशंका ने वैश्विक बाजार में अस्थिरता बढ़ा दी है और तेल की कीमतें 80 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गई हैं। इससे भारत जैसे आयातक देशों की कंपनियों की लागत बढ़ने और मुनाफे में गिरावट की आशंका है — जिसने बाजार को मंदी की ओर धकेला।
आज के प्रमुख आंकड़े:
- सेंसेक्स: 674.02 अंक गिरकर 81,734.16
- निफ्टी: 201.85 अंक टूटकर 24,910.55
गिरावट झेलने वाले प्रमुख शेयर:
- इंफोसिस, टेक महिंद्रा, जोमैटो: लगभग 2% की गिरावट
- निफ्टी IT: 1.60% की गिरावट
- ऑटो इंडेक्स: 1.20% की गिरावट
- धातु, फार्मा, पीएसयू बैंक: 0.50% तक कमजोरी
लाभ में रहने वाले शेयर:
- बीईएल और एयरटेल: करीब 2% की बढ़त
- मीडिया इंडेक्स: 2.50% की तेज़ बढ़त, एकमात्र सकारात्मक सेक्टर
वैश्विक बाजार भी रहे दबाव में:
- जापान का निक्केई: 227 अंक गिरकर 38,175
- कोरिया का कोस्पी: 21 अंक की गिरावट
- हांगकांग का हैंगसेंग: 25 अंक की गिरावट
- चीन का शंघाई कंपोजिट: हल्की बढ़त के साथ 3,365 पर
निवेशकों की चाल:
- 20 जून को विदेशी निवेशकों (FII): ₹7,940.70 करोड़ की खरीदारी
- घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII): ₹3,049.88 करोड़ की बिकवाली
- जून माह में अब तक:
- FII की शुद्ध खरीदारी ₹3,897.21 करोड़
- DII की शुद्ध खरीदारी ₹56,786.30 करोड़
निष्कर्ष:
शेयर बाजार में मौजूदा गिरावट एक बार फिर बताती है कि अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक घटनाएं घरेलू निवेशकों की धारणा पर कितना गहरा असर डाल सकती हैं। तेल की बढ़ती कीमतें, वैश्विक अनिश्चितता और कॉरपोरेट मुनाफों पर संभावित दबाव आने वाले दिनों में भी बाजार की दिशा तय करेंगे। निवेशकों को सतर्क रहने और लॉन्ग टर्म रणनीति के साथ निवेश करने की सलाह दी जा रही है।
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