Operation Sindoor: ‘सिंदूर’ अब सिर्फ शब्द नहीं एक भावना, ‘उत्तरप्रदेश राज्य‘ में 17 नवजात बेटियों का रखा गया नाम
ऑपरेशन सिंदूर बना देशभक्ति की पहचान
कुशीनगर (शिखर दर्शन) // भारतीय सेना द्वारा 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता ने देशभर में गर्व, शौर्य और भावनाओं का ज्वार ला दिया। इस वीरता को सम्मान देने का एक अद्वितीय उदाहरण उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में देखने को मिला, जहां बीते दो दिनों में जन्मी 17 नवजात बच्चियों का नाम ‘सिंदूर’ रखा गया।
कुशीनगर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर.के. शाही के अनुसार, इन नवजातों के परिवारों ने स्वेच्छा से यह फैसला लिया। उनका कहना है कि यह नाम अब सिर्फ एक परंपरागत शब्द नहीं, बल्कि भारतीय सेना के पराक्रम, बलिदान और देशभक्ति की भावना का प्रतीक बन चुका है।
‘सिंदूर’ अब एक भाव, एक संकल्प
भेड़िहारी गांव की अर्चना शाही ने अपनी नवजात बेटी का नाम ‘सिंदूर’ रखा। वे कहती हैं, “पहलगाम हमले में जब महिलाओं ने अपने पति खोए, तो उस पीड़ा के जवाब में सेना ने जिस साहस के साथ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया, उसने हमें गर्व से भर दिया। मेरी बेटी का नाम अब इस गर्व का हिस्सा है।”
इसी तरह, पडरौना क्षेत्र के मदन गुप्ता की बहु काजल गुप्ता ने भी अपनी बेटी को ‘सिंदूर’ नाम दिया। भठही बाबू गांव की एक महिला ने बताया कि यह नाम उनकी बेटी को आजीवन साहस, समर्पण और देश के प्रति कर्तव्य की भावना से भर देगा।
एक नाम जो पीढ़ियों तक प्रेरणा देगा
कुशीनगर के लोगों का मानना है कि यह पहल केवल एक नामकरण नहीं, बल्कि देशभक्ति को भावनात्मक रूप से अगली पीढ़ी में रोपने का प्रयास है। जब ये बेटियां बड़ी होंगी, तो उनका नाम उन्हें उनके जन्म के समय देश की वीरगाथा और सेना के साहस की कहानी सुनाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर: एक निर्णायक जवाब
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी। इसके जवाब में 7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंकी शिविरों को निशाना बनाया और ध्वस्त किया। यह कार्रवाई भारतीय सेना द्वारा आतंक के खिलाफ तेज़, सटीक और प्रभावशाली जवाब के रूप में देखी गई।