कस्टम मिलिंग में बड़ी लापरवाही, मिल मालिकों ने अब तक जमा नहीं किए 9500 मेट्रिक टन चावल , शासन को हुआ करोड़ों का नुकसान !
महासमुंद (शिखर दर्शन)//महासमुंद जिले में राइस मिलरो की बहुत बड़ी लापरवाही सामने आई है।वर्ष 2022 एवम् 2023 कस्टम मिलिंग का 9500 मैट्रिक मैट्रिक टन चावल जिले के 22 मिल मालिकों ने समय रहते जमा नहीं किया है । जिसके कारण शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है इधर विपणन विभाग नोटिस दर नोटिस जारी कर सिर्फ और सिर्फ खाना पूर्ति कर शासन के आदेश का इंतजार कर रहा है। जानकारी के मुताबिक महासमुंद जिले में वर्ष 2022 एवं 2023 के दौरान कस्टम मिलिंग के लिए 177 राइस मीलरो का पंजीयन किया गया था । जिन्हें 7 लाख 94000 मिट्रिक टन धान दिया गया था । राइस मिल मालिकों को 1क्विंटल अरवा धान के बदले 67 किलो चावल और एक क्विंटल उसना धान के बदले 68 किलो चावल जमा करना था लेकिन 32 मिल मालिकों ने 30 सितंबर की समय सीमा पार हो जाने के बाद भी 9500 क्विंटल चावल जमा नहीं किए हैं।

नियमानुसार का समय सीमा के भीतर मिल मालिकों को चावल जमा करना अनिवार्य होता है। यदि मिल मालिक चावल जमा नहीं करते हैं तब ऐसी स्थिति में शासन उनके ऊपर उचित कानूनी कार्यवाही करता है । और अगले सत्र में होने वाले कस्टम मिलिंग पंजीयन में उनका नाम पंजीकृत नहीं किया जाता है । लेकिन यहां समय सीमा समाप्त हो जाने के बावजूद भी विपणन विभाग के आला अधिकारी मात्र अभी तक नोटिस ही जारी करने की बात कर रहे हैं । यही कारण है कि वर्ष 2023 24 के कस्टम मिलिंग में शासन को दिक्कतें आ रही है । और इधर धान समितियां में डंप पड़ा है जिससे की समितियां को नुकसान उठाना पड़ रहा है कुल मिलाकर उपार्जन केन्द्रों में धान खुले में पड़ा हुआ है ।