मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश में मौसम में बड़ा बदलाव: नौगांव में पारा 10 डिग्री तक लुढ़का, रतलाम जिला बना सबसे गर्म, अगले 4 दिनों तक बारिश का अलर्ट, भोपाल और इंदौर में गर्मी का असर

मध्य प्रदेश में मौसम ने अचानक करवट ली है, जिससे राज्यभर में गर्मी से थोड़ी राहत मिली है। हालांकि, बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार दिन तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश की संभावना बनी रहेगी। सोमवार को 11 जिलों में ओले गिरने का अलर्ट जारी किया गया है, जबकि कई जिलों में लू का भी खतरा है। विशेष रूप से भोपाल, इंदौर और उज्जैन में गर्मी का असर देखा जा सकता है।

ओलावृष्टि और बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को जबलपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर, कटनी, शहडोल और उमरिया जिलों में ओले गिरने की संभावना है। साथ ही, सागर, सिंगरौली, नर्मदापुरम, बैतूल और देवास में गरज-चमक और हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। प्रदेश में 29-30 अप्रैल और 1 मई को भी बारिश का दौर जारी रहेगा, जबकि ग्वालियर-चंबल संभाग में दिन में लू और रात में बारिश की चेतावनी जारी की गई है।

नौगांव में पारा 10 डिग्री तक लुढ़का
रविवार को प्रदेश के कई जिलों में बारिश हुई, जिससे तापमान में गिरावट आई है। छतरपुर जिले के नौगांव में पारा 10 डिग्री तक गिर गया। शनिवार को तापमान 43 डिग्री था, जो रविवार को 33 डिग्री पर आ गया। सीधी में 6 डिग्री, खजुराहो में 4.2 डिग्री, छिंदवाड़ा में 4 डिग्री, मलाजखंड में 3.4 डिग्री और सिवनी में 2 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई।

रतलाम जिला रहा सबसे गर्म
रविवार को रतलाम जिले में सबसे अधिक गर्मी पाई गई, जहां दिन का तापमान 43.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा गुना में 41.6 डिग्री, धार-खरगोन में 41.2 डिग्री, नरसिंहपुर में 41 डिग्री, खंडवा में 40.5 डिग्री, टीकमगढ़ में 40.2 डिग्री और शिवपुरी में पारा 40 डिग्री तक पहुंचा। वहीं, उज्जैन में 41 डिग्री, ग्वालियर में 40.2 डिग्री, इंदौर में 40.4 डिग्री, भोपाल में 39.2 डिग्री और जबलपुर में 37.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।

किसानों की चिंता बढ़ी
बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों के लिए परेशानियाँ पैदा कर दी हैं, क्योंकि इन मौसम घटनाओं के कारण फसलों को नुकसान हो सकता है। बारिश और ओलावृष्टि के अलर्ट से कृषि क्षेत्र में चिंता का माहौल है, और किसानों को अपनी फसलों के नुकसान का डर सता रहा है।

मौसम में आए इस बदलाव से जहाँ कुछ राहत मिली है, वहीं आगामी दिनों में मौसम की चेतावनियों के चलते लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

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