मध्यप्रदेश

बुरहानपुर दौरे पर आज CM डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह भी रहेंगे मौजूद

दौरे से पहले अधिकारियों से करेंगे बैठक, राजधानी भोपाल में आतंकी हमलों के खिलाफ 2 बजे तक बाजार बंद
संविदाकर्मियों को चेतावनी—हड़ताल की तो जाएगी नौकरी

भोपाल (शिखर दर्शन) // मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज शनिवार को बुरहानपुर दौरे पर रहेंगे। उनके साथ केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी बुरहानपुर पहुंचेंगे। दोनों नेता नेपानगर विधायक मंजू दादू के घर आयोजित वैवाहिक समारोह में शामिल होंगे।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान दोपहर 3.40 बजे बुरहानपुर के एयर स्ट्रिप पर पहुंचेंगे, जबकि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 4.30 बजे वहां पहुंचेंगे। कार्यक्रम के दौरान दोनों नेताओं के बीच लगभग आधे घंटे की बैठक भी प्रस्तावित है। इसके बाद वे वापस भोपाल लौट जाएंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने दौरे से पहले राजधानी भोपाल में अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। यह बैठक दोपहर 11.15 बजे से 2 बजे तक चलेगी, जिसमें विभिन्न प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इसके बाद मुख्यमंत्री दोपहर 3.05 बजे जलगांव से बुरहानपुर के लिए रवाना होंगे।

भोपाल में आतंकी हमलों के विरोध में आज 2 बजे तक बंद रहेंगे बाजार
भोपाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने आतंकी हमलों के खिलाफ आज शहर बंद का आह्वान किया है। चैंबर ने व्यापारियों और व्यापारिक संगठनों से अपील की है कि वे दोपहर 2 बजे तक अपने प्रतिष्ठान बंद रखें और विरोध प्रदर्शन में सहभागिता करें।
चैंबर ने आगामी 26 अप्रैल को भी बड़े स्तर पर विरोध कार्यक्रम का आयोजन करने की घोषणा की है, जिसमें आम नागरिकों से भी शांति और एकता के प्रतीक स्वरूप शामिल होने की अपील की गई है। यह पहल समाज में सुरक्षा और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से की जा रही है।

संविदाकर्मियों को सख्त चेतावनी—हड़ताल पर गए तो जाएगी नौकरी
भोपाल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संविदाकर्मियों द्वारा प्रस्तावित हड़ताल के मद्देनजर सख्त चेतावनी जारी की गई है। NHM की निदेशक सलोनी सिडाना ने सभी कलेक्टर, सीएमएचओ और सिविल सर्जनों को पत्र भेजकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हड़ताल या धरना मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के तहत कदाचार माना जाएगा।
निर्देश के अनुसार, हड़ताल की अवधि को “ब्रेक इन सर्विस” माना जाएगा, जिससे संविदाकर्मियों की सेवा पर सीधा प्रभाव पड़ेगा और नौकरी जाने का खतरा रहेगा। साथ ही, हड़ताल करने वालों का वेतन भी काटा जाएगा। कर्मचारियों को अपने कार्य में अनुशासन बनाए रखने और हड़ताल से दूर रहने की सख्त चेतावनी दी गई है।


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