शादी समारोह में भोजन के बाद 45 लोग फूड पॉइजनिंग के शिकार, अस्पताल में कराया गया भर्ती , 2 की हालत गंभीर

स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर, खाने के नमूने जांच के लिए भेजे गए
बिलासपुर (शिखर दर्शन) // कोनी थाना क्षेत्र के तुर्काडीह गांव में एक शादी समारोह के बाद फूड पॉइजनिंग का गंभीर मामला सामने आया है। रात को खाना खाने के बाद गुरुवार सुबह छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। उल्टी-दस्त की शिकायतें बढ़ती गईं और देखते ही देखते 45 लोगों को इलाज के लिए सिम्स अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इनमें से एक मरीज की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिसे आईसीयू में रखा गया है।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तुर्काडीह गांव पहुंचकर खाने के नमूने एकत्र किए हैं और जांच शुरू कर दी गई है। फिलहाल सभी मरीजों की हालत स्थिर बताई जा रही है और अस्पताल में उनका नि:शुल्क इलाज जारी है।
एक गंज चावल बना बीमारी की वजह
सिम्स के डॉक्टरों के मुताबिक, सतनामीपारा निवासी नीरज सांडे की बेटी की शादी में बड़ी संख्या में रिश्तेदार और मेहमान शामिल हुए थे। 23 अप्रैल की रात तीन अलग-अलग गंजे में चावल, सब्जी और दाल पकाई गई थी। मेहमानों ने भोजन किया और फिर विश्राम के लिए चले गए। सुबह होते-होते लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी। पहले स्थानीय स्तर पर इलाज किया गया, लेकिन मरीजों की संख्या बढ़ने पर सभी को सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बताया जा रहा है कि तीन में से एक गंज चावल खराब था। दो गंजों का चावल खाने वाले लोग स्वस्थ हैं, जबकि तीसरे गंज से खाना खाने वालों की तबीयत बिगड़ी है।
गंभीर हालत में ICU में भर्ती
सिम्स अस्पताल में भर्ती मरीजों में अमरीका सेंडे (36), तिलक बाई (40), मधु (24), दिशा (18), ईशा (17), रूपा (45), रंजिता कुर्रे (30), शाहिल (14), चंदन, रानी (13), जगेश्वरी (28), गंगा बाई (30), आशा बाई (24), सोनिया (16), निखिल पाटले (15), सनम (5), लक्ष्मण (11), अमर कुमार (3), अरुण कुमार (12), अंश (6), आद्या (2), हर्ष (11), प्रिमु (10), जगेश्वर बंजारे सहित कई लोग शामिल हैं। इनमें से जगेश्वर की हालत गंभीर बनी हुई है।
स्वास्थ्य विभाग सतर्क, जांच शुरू
फूड सेफ्टी विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर खाने के सैंपल लिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि किस खाद्य सामग्री में गड़बड़ी थी। फिलहाल गांव में स्वास्थ्य विभाग की निगरानी बढ़ा दी गई है, ताकि किसी अन्य को संक्रमण का खतरा न हो।
सुबह ही आया एक और मामला
गौरतलब है कि आज सुबह ही ऐसा ही एक मामला कोरबा से भी सामने आया, जहां शादी समारोह के बाद 50 लोग फूड पॉइजनिंग का शिकार हुए और उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
गर्मी में फूड पॉइजनिंग का बढ़ता खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार गर्मी के मौसम में फूड पॉइजनिंग की घटनाएं तेजी से बढ़ती हैं। इस मौसम में बैक्टीरिया और सूक्ष्मजीव तेजी से पनपते हैं, जो दूषित भोजन और पानी के माध्यम से शरीर में पहुंचकर बीमारी फैलाते हैं। WHO के अनुसार, हर साल लगभग 60 करोड़ लोग खाद्य जनित बीमारियों से प्रभावित होते हैं।
फूड पॉइजनिंग के प्रमुख कारण
- दूषित पानी से सिंचित सब्जियां
- शौच के बाद हाथ न धोना
- गंदे बर्तनों का उपयोग
- अधपका या खराब मांसाहारी भोजन
- डेयरी उत्पादों का अनुचित भंडारण
- बिना धोए फल-सब्जियों का सेवन
- अशुद्ध जल का उपयोग
बचाव के उपाय
- खाना बनाते और खाते समय स्वच्छता का रखें विशेष ध्यान
- फल-सब्जियों को अच्छी तरह धोकर ही उपयोग करें
- सिर्फ शुद्ध और उबला हुआ पानी पिएं
- फ्रीज और स्टोरेज नियमों का पालन करें
- बाहर का भोजन करने से बचें
- बच्चों और बुजुर्गों का रखें खास ध्यान
सावधानी और स्वच्छता ही फूड पॉइजनिंग से बचाव का सबसे बड़ा उपाय है।