जय-जय श्री महाकाल के जयघोष से गूंजा मंदिर प्रांगण, हर-हर शंभू की गूंज में संपन्न हुई अलौकिक भस्म आरती

विशेष संवाददाता छमू गुरु की रिपोर्ट:
उज्जैन (शिखर दर्शन) //
आज प्रातः काल महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती का आयोजन दिव्य और अलौकिक वातावरण में संपन्न हुआ। पूरे मंदिर परिसर में ‘जय-जय श्री महाकाल’, ‘हर हर महादेव’, ‘हर हर शंभू’ और ‘ॐ नमः शिवाय’ के मंत्रोच्चार से गूंज उठी। श्रद्धालुओं ने आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर होकर भगवान शिव के तांडव स्वरूप का दर्शन किया।
प्रातः 4 बजे मंदिर के पट खुलते ही महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का अभिषेक, श्रृंगार और भस्म आरती की विधि प्रारंभ हुई। पुजारियों ने वेद मंत्रों और तंत्रोक्त विधानों के साथ शिवलिंग पर पवित्र भस्म से आरती की। इस दौरान श्रद्धालु ‘हर हर महादेव’ का जयघोष करते हुए भक्ति में लीन दिखे। गर्भगृह से लेकर नंदी हाल तक दीपों की रौशनी और धूप की सुगंध से वातावरण पूर्णतः शिवमय हो गया था।
श्रद्धालु दूर-दूर से दर्शन हेतु उज्जैन पहुंचे थे। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में, पुरुष धोती और अंगवस्त्र धारण कर महाकाल के दरबार में उपस्थित रहे। ऑनलाइन दर्शन की सुविधा से देश-विदेश में बैठे भक्तों ने भी इस आरती का सीधा प्रसारण देखा और पुण्य लाभ अर्जित किया।
आरती के पश्चात पुजारियों द्वारा भक्तों को भस्म और चंदन का तिलक लगाया गया। मंदिर में सुरक्षात्मक व्यवस्था सुदृढ़ रही और प्रशासन की ओर से विशेष सहयोग भी प्रदान किया गया।
आज की यह भस्म आरती न केवल आध्यात्मिक रूप से अद्वितीय रही, बल्कि श्रद्धा, आस्था और सनातन परंपरा का जीवंत प्रतीक भी बन गई। महाकाल की इस मंगल आरती ने सभी भक्तों को एक अलौकिक अनुभव प्रदान किया, जो जीवन भर स्मरणीय रहेगा।