पहलगाम आतंकी हमले पर दुनिया भर में गुस्सा और शोक, ट्रंप, पुतिन, नेतन्याहू, मेलोनी समेत वैश्विक नेताओं ने जताया दुख

नई दिल्ली (शिखर दर्शन) // जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने एक बार फिर देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर दिया है। पुलवामा के बाद घाटी में यह अब तक का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है, जिसमें 30 निर्दोष लोगों की जान ले ली गई। आतंकवादियों ने टारगेट किलिंग के तहत धर्म पूछकर लोगों को मौत के घाट उतारा, जिससे पूरे देश में गहरा आक्रोश फैल गया है।
इस घटना की चौतरफा निंदा हो रही है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश दौरा बीच में छोड़ते हुए देश वापसी की और एयरपोर्ट पर ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ आपात बैठक की। वे आज शाम घटनास्थल का दौरा भी करेंगे।
दुनियाभर के नेताओं ने जताया दुख और भारत के साथ एकजुटता
डोनाल्ड ट्रंप (पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति):
ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बात कर संवेदना जताई। उन्होंने कहा कि अमेरिका इस हमले की कड़ी निंदा करता है और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है।
व्लादिमीर पुतिन (राष्ट्रपति, रूस):
राष्ट्रपति पुतिन ने इस हमले को ‘क्रूर अपराध’ बताते हुए सख्त शब्दों में इसकी निंदा की। उन्होंने पीएम मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संदेश भेजा और भारत को हरसंभव सहयोग का भरोसा दिया।
डेनिस अलीपोव (रूस के राजदूत):
उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “हम भारत और इसके नागरिकों के साथ गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। रूस आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ है।”
बेंजामिन नेतन्याहू (प्रधानमंत्री, इजराइल):
“मेरे प्यारे मित्र नरेंद्र मोदी, मैं इस बर्बर हमले से गहरा दुखी हूं। इजराइल आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है।” – यह संदेश उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा किया।
एंथनी अल्बानीज (प्रधानमंत्री, ऑस्ट्रेलिया):
उन्होंने हमले की कठोर निंदा करते हुए लिखा, “इस हिंसा का कोई औचित्य नहीं। हमारी संवेदनाएं पीड़ितों और उनके परिजनों के साथ हैं।”
जियोर्जिया मेलोनी (प्रधानमंत्री, इटली):
मेलोनी ने इस दर्दनाक समय में भारत के साथ एकजुटता जताई और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
जेडी वेंस (उपराष्ट्रपति, अमेरिका):
“यह हमला दिल दहला देने वाला है। मेरी पत्नी और मैं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।”
उर्सुला वॉन डेर लेयेन (अध्यक्ष, यूरोपीय आयोग):
“भारत की भावना अटूट है। यूरोप इस कठिन समय में भारत के साथ खड़ा है।”
यह लेख संवेदनशीलता, राजनीतिक प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय समर्थन तीनों पहलुओं को संतुलित तरीके से प्रस्तुत करता है। अगर आप चाहें तो इसमें और भी विवरण या क्षेत्रीय प्रतिक्रियाएं जोड़ी जा सकती हैं।