पहलगाम आतंकी हमले में बिहार के आई बी अधिकारी मनीष रंजन की हत्या, आतंकियों ने नाम पूछने के बाद पत्नी-बच्चों के सामने उतारा मौत के घाट

श्रीनगर (शिखर दर्शन) // जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार की दोपहर पर्यटकों से भरी घाटी उस समय मातम में बदल गई, जब आतंकियों ने सेना की वर्दी पहनकर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इस भीषण हमले में अब तक 26 से 28 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मृतकों में दो विदेशी नागरिक, स्थानीय लोग और कई पर्यटक शामिल हैं।
इस आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है, खासकर जब यह सामने आया कि हमले में बिहार के रोहतास निवासी और हैदराबाद आईबी कार्यालय में तैनात अधिकारी मनीष रंजन की भी निर्मम हत्या कर दी गई। वे अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ लीव ट्रैवल कंसेशन (LTC) के तहत छुट्टियां मनाने पहलगाम पहुंचे थे। आतंकियों ने मनीष से उनका नाम पूछकर, फिर पत्नी और बच्चों के सामने ही उन्हें गोली मार दी। हालांकि उनकी पत्नी और बच्चे सुरक्षित हैं, लेकिन इस वीभत्स घटना के बाद सदमे की स्थिति में हैं।
सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने सेना की वर्दी पहनकर हमला किया, जिससे स्थानीय लोग और पर्यटक धोखा खा गए। वे पर्यटकों से नाम और धर्म पूछते रहे। जिनके जवाब उन्हें संदेहास्पद लगे या जो कलमा पढ़ने में असमर्थ रहे, उन्हें गोली मार दी गई। घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई, होटलों, पिकनिक स्पॉट्स और टट्टू की सवारी कर रहे लोगों को भी निशाना बनाया गया।
लश्कर-ए-तैयबा और उससे संबद्ध संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है। हमले के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की आधिकारिक यात्रा बीच में छोड़कर दिल्ली लौटते हुए कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई है।
हमले के बाद पहलगाम और श्रीनगर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान तेज कर दिया है। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष सुरक्षा योजना लागू करने के निर्देश दिए हैं।
यह आतंकी हमला न केवल जम्मू-कश्मीर की शांति को चुनौती है, बल्कि पूरे देश के लिए एक गहरी पीड़ा और आक्रोश का कारण भी बना है।