रायपुर संभाग

छत्तीसगढ़ की सियासत में उबाल: BJP विधायक अजय चंद्राकर और पूर्व CM भूपेश बघेल के बीच तीखी जुबानी जंग

रायपुर ( शिखर दर्शन ) // छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस के मुख्यमंत्री निवास घेराव प्रदर्शन को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। भाजपा के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने कांग्रेस के प्रदर्शन को “ज़िंदा रहने की कोशिश” करार दिया, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चंद्राकर को “दूध में पड़ी मक्खी” बताया।

अजय चंद्राकर का कांग्रेस पर हमला: “कांग्रेस ज़िंदा रहने की कोशिश कर रही है”

अजय चंद्राकर ने कांग्रेस के प्रदर्शन को एक “राजनीतिक नौटंकी” बताते हुए कहा कि कांग्रेस को अपनी मौजूदगी साबित करने के लिए इस तरह के प्रदर्शन करने पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, “कांग्रेस को ज़िंदा रहना और ज़िंदा दिखना है, इसलिए ये सब उपक्रम हो रहे हैं। मेरी सहानुभूति कांग्रेस की इन कोशिशों के साथ है, लेकिन विपक्ष की भूमिका निभाते रहना चाहिए।”

चंद्राकर ने कांग्रेस नेताओं की गैरमौजूदगी पर भी सवाल उठाए और भूपेश बघेल के भुवनेश्वर दौरे का उल्लेख करते हुए कहा, “जिन्हें आप बड़े नेता मानते हैं, वे तो मौके पर थे ही नहीं। परिवारवादी पार्टियों में केवल मुखिया ही नेता होते हैं, जननेता कोई नहीं होते।”

संविधान बचाओ अभियान को लेकर चंद्राकर ने कांग्रेस से सवाल किया, “कितनी बार संविधान में संशोधन किया गया? आपातकाल किसने लगाया? मानव अधिकारों को सस्पेंड किसने किया? अंबेडकर जी के प्रति अचानक उमड़ा प्रेम क्यों?” साथ ही, जन जागरण अभियान और वक्फ बोर्ड संशोधन पर उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनका असली एजेंडा राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाना है, जबकि नरेंद्र मोदी का लक्ष्य है विकसित भारत।

भूपेश बघेल का तीखा पलटवार: “अजय चंद्राकर दूध में पड़ी मक्खी”

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अजय चंद्राकर के बयानों पर तीखा पलटवार करते हुए कहा, “अजय चंद्राकर पार्टी में दूध में पड़ी मक्खी की तरह हो गए हैं। वे मंत्रिमंडल विस्तार की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें साइडलाइन कर दिया है। पहले अपने आसपास देख लें, फिर कांग्रेस पर टिप्पणी करें।”

भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री विष्णु देवसाय के आदिवासियों को “सबसे बड़ा हिंदू” बताने पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “आदिवासियों को हिंदू बताने से उनका आरक्षण खत्म हो जाएगा, यह उनकी पहचान और अधिकारों पर हमला है। मुख्यमंत्री को ऐसे गैरजिम्मेदार बयान नहीं देने चाहिए।”

उपराष्ट्रपति के बयान पर भी उठाए सवाल

भूपेश बघेल ने उपराष्ट्रपति के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा, “सुप्रीम कोर्ट का फैसला विधायिका की गरिमा को बढ़ाता है। राज्यपाल के पास कई बिल लंबित हैं, लेकिन वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद उन्हें मंजूरी नहीं दे रहे। फिर उपराष्ट्रपति को इस पर आपत्ति क्यों हो रही है?”

कांग्रेस का जनहित में प्रदर्शन

कांग्रेस के मुख्यमंत्री निवास घेराव प्रदर्शन को भूपेश बघेल ने जनहित में जरूरी बताते हुए कहा, “प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है। भाजपा के अपने नेता पत्र लिखकर सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। सरकार खुद मान रही है कि हालात उनके कंट्रोल में नहीं हैं। इसलिए कांग्रेस जनता के पक्ष में यह प्रदर्शन कर रही है।”

राजनीतिक इस जुबानी जंग के बीच दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर हमलावर हैं, और यह सियासी टकराव आगामी चुनावों को लेकर राज्य में गहरी हलचल पैदा कर रहा है।

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