सुप्रीम कोर्ट का ‘दर्द छलका’: मुर्शिदाबाद हिंसा पर सुनवाई के दौरान शीर्ष न्यायालय ने कहा- ‘हम पर कार्यपालिका के मामलों में हस्तक्षेप के आरोप लग रहे हैं, और आप चाहते हैं कि…’
मुर्शिदाबाद हिंसा पर कार्यपालिका में हस्तक्षेप के आरोप
मुर्शिदाबाद हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान शीर्ष न्यायालय ने जताया अपना दर्द, कहा- “हम पर कार्यपालिका में अतिक्रमण के आरोप लग रहे हैं और आप चाहते हैं कि हम राष्ट्रपति को परमादेश जारी करें ?”
मुर्शिदाबाद (शिखर दर्शन) // वक्फ कानून को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की है। इस मुद्दे पर सुनवाई के दौरान शीर्ष न्यायालय का दर्द सामने आया, जब जस्टिस बीआर गवई ने पूछा, “आप चाहते हैं कि हम राष्ट्रपति को परमादेश जारी करें ?” कोर्ट ने कहा कि हम पर कार्यपालिका में अतिक्रमण के आरोप लग रहे हैं, और आप हमसे यह भी चाहते हैं कि हम हस्तक्षेप करें।
सुप्रीम कोर्ट में वकील विष्णु शंकर जैन ने याचिका दायर कर पश्चिम बंगाल में पैरा मिलिट्री फोर्स की तत्काल तैनाती और राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। विष्णु ने कहा कि राज्य में हिंसा बढ़ने के बाद सुरक्षा स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि याचिकाकर्ता को आवेदन दाखिल करने की अनुमति दी गई है, और वकील शशांक शेखर झा ने मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी गठित करने की मांग की।
इस बीच, मुर्शिदाबाद में हिंसा के बाद कई घरों को लूटा और जलाया गया है, और कई लोग घर छोड़कर पलायन करने पर मजबूर हो गए हैं। राज्यपाल और महिला आयोग की टीम ने भी इलाके का दौरा किया। महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने इस हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “यहां लोग इतनी परेशानी में हैं, जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता।”
मुर्शिदाबाद हिंसा: क्या है पूरा मामला ?
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना, हुगली और मालदा जिलों में 10-12 अप्रैल को वक्फ कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इन प्रदर्शनों में गाड़ियों को जलाया गया, दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की गई, और लूटपाट की घटनाएं हुईं। इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 15 पुलिसकर्मी घायल हुए। 300 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया, और केंद्र सरकार ने हिंसाग्रस्त इलाकों में 1600 जवान तैनात किए।
राजनीतिक बयानबाजी और सुप्रीम कोर्ट पर हमला
झारखंड के बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए जिम्मेदार है और संसद द्वारा पारित कानूनों को रद्द कर रहा है। उनका यह बयान राजनीतिक हलकों में विवाद का कारण बन गया है। साथ ही, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी सुप्रीम कोर्ट की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे, खासकर उस आदेश पर जिसमें राष्ट्रपति को विधेयक पर फैसला लेने के लिए समयसीमा तय की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट और कार्यपालिका का विवाद
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि यह पहला मौका है जब न्यायपालिका कार्यपालिका के दायरे में हस्तक्षेप कर रही है, और इसे ‘सुपर संसद’ के रूप में देखा जा सकता है, जो संविधान के दायरे से बाहर है।
मुर्शिदाबाद हिंसा और सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर अब राजनीतिक और कानूनी बहस तेज हो गई है, जिसमें न्यायपालिका के अधिकार और कार्यपालिका के अधिकारों के बीच सीमा की परिभाषा को लेकर सवाल उठ रहे हैं।