फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव के खिलाफ मामला दर्ज, 2006 में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ल की मौत का है संबंध

बिलासपुर (शिखर दर्शन) // अपोलो अस्पताल में 2006 में इलाज के दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पं. राजेन्द्र शुक्ल की मौत के मामले में एक बड़ा मोड़ आया है। सरकण्डा थाने में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जान केम के खिलाफ धोखाधड़ी और हत्या समेत कई गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।
यह मामला उस समय का है जब 20 अगस्त 2006 को छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ल को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उनका ऑपरेशन कथित डॉक्टर नरेंद्र ने किया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई।
इस फर्जी डॉक्टर की पहचान तब हुई जब दमोह के मिशन अस्पताल में हार्ट सर्जरी के बाद सात मरीजों की मौत हो गई थी। जांच में सामने आया कि नरेंद्र विक्रमादित्य यादव के पास केवल एमबीबीएस की डिग्री थी और वह कार्डियोलॉजिस्ट नहीं था, बावजूद इसके उसने खुद को कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में पेश किया था।
अपोलो अस्पताल के प्रबंधन द्वारा की गई जांच में भी नरेंद्र के दस्तावेज फर्जी पाए गए थे। उसके नाम, जन्मतिथि और पिता का नाम में अंतर सामने आया। इसके बाद, परिवार के सदस्य और भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने मामले की जांच की मांग की थी, जिसके बाद यह मामला सामने आया।
यह घटनाक्रम अपोलो अस्पताल में 7-8 अन्य मरीजों की मौत से भी जुड़ा हुआ है, जिनमें दिग्गज कांग्रेस नेता राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल भी शामिल हैं। इस मामले में पुलिस अब आगे की कार्रवाई कर रही है।