दतिया बनेगा आध्यात्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र: ‘प्रसाद योजना’ से मां पीतांबरा की नगरी में होगा विकास

भोपाल (शिखर दर्शन) //
दतिया, जिसे मां पीतांबरा की नगरी के नाम से जाना जाता है, अब आध्यात्मिक पर्यटन के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरने जा रहा है। केंद्र सरकार ने ‘प्रसाद योजना’ के तहत इस दिशा में 44.24 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की है। इस योजना का उद्देश्य धार्मिक स्थलों का कायाकल्प और स्थानीय अर्थव्यवस्था का सुदृढ़ीकरण करना है।
इस योजना के तहत धार्मिक स्थलों को एक आधुनिक और सुविधाजनक स्वरूप देने पर जोर दिया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर अनुभव मिल सके। धार्मिक स्थलों को स्वच्छ और सुव्यवस्थित बनाने के लिए कई पहलें शुरू की जाएंगी। इसके अलावा, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एक इंटरप्रिटेशन सेंटर (व्याख्या केंद्र) भी स्थापित किया जाएगा, जहां मंदिर के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व की जानकारी प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि, “मां पीतांबरा की नगरी को प्रदेश के प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। केंद्र सरकार की ‘प्रसाद योजना’ के अंतर्गत मंदिर परिसर और उससे जुड़े क्षेत्र के विकास के लिए 44.24 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इस योजना से धार्मिक स्थलों का कायाकल्प होगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा।”
पर्यटकों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद
प्रमुख सचिव, पर्यटन और संस्कृति और प्रबंध संचालक म.प्र. टूरिज्म बोर्ड, शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि पीतांबरा पीठ में पर्यटन सेवाओं के विस्तार से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी। मंदिर तक पहुंचने के लिए हाइवे से लगभग 2 किमी. के मार्ग पर पैदल आने वाले दर्शनार्थियों और वरिष्ठ नागरिकों को ताजगी और आराम का अनुभव दिलाने के लिए खुले स्थानों का विकास किया जाएगा। इन क्षेत्रों में हरियाली, बेंच, पेड़-पौधे और विश्राम करने के लिए स्थान बनाए जाएंगे, जिससे पर्यटकों को एक सुखद और ताजगी भरा अनुभव मिलेगा।