राजधानी में लैंड जिहाद का मामला गरमाया: शासकीय जमीन पर बनी मजार, हिंदू संगठनों ने कलेक्टर से की शिकायत

भोपाल (शिखर दर्शन) // मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में लैंड जिहाद को लेकर नया विवाद सामने आया है। शहर के 1250 मार्केट क्षेत्र में बाघम्बरी मंदिर के पास शासकीय मकान पर मजार बनाए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। हिंदू संगठनों ने इसे ‘लैंड जिहाद’ का मामला बताते हुए जमीन के दस्तावेजों के साथ कलेक्टर से शिकायत की है।
संस्कृति बचाओ मंच के संयोजक चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि राजधानी समेत पूरे प्रदेश में लैंड जिहाद के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि शासकीय जमीनों को चिह्नित कर उन पर धार्मिक संरचनाएं खड़ी की जा रही हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस पर तत्काल कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
हिंदू-मुस्लिम पक्ष आमने-सामने
इस विवाद ने साम्प्रदायिक रंग भी ले लिया है। एक ओर हिंदू संगठनों ने मजार को अवैध बताते हुए कार्रवाई की मांग की है, वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यदि मजार अवैध है, तो कई मंदिर भी बिना अनुमति के बने हुए हैं। उनका कहना है कि सरकार को सभी धार्मिक स्थलों पर समान कार्रवाई करनी चाहिए।
हिंदू पक्ष ने तर्क दिया कि जब भी किसी मंदिर का स्थान बदला गया है, तो मूर्तियों के साथ पूरे विधिविधान से उसे अन्यत्र पुनर्स्थापित किया गया है। वहीं, मुस्लिम पक्ष पर आरोप लगाया कि वे सुनियोजित ढंग से लैंड जिहाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रातीबड़, कलियासोत, नीलबड़, अवधपुरी, खजूरी, केरवा और बड़े तालाब क्षेत्र में मजारनुमा संरचनाएं बनाकर शासकीय जमीन पर कब्जा किया जा रहा है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी तेज
इस पूरे मामले ने राजनीतिक मोड़ भी ले लिया है। कांग्रेस प्रवक्ता स्वदेश शर्मा ने कहा कि चाहे मंदिर हो, मस्जिद, चर्च या गुरुद्वारा — यदि कोई भी धार्मिक स्थल नियमों के विरुद्ध बना है, तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है ताकि साम्प्रदायिक माहौल खराब किया जा सके। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि तत्काल जांच कर निष्पक्ष कार्रवाई की जाए।
वहीं, भाजपा प्रवक्ता शिवम शुक्ला ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस हमेशा जिहादी मानसिकता वालों को संरक्षण देती रही है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और यह भी पता लगाया जाएगा कि आखिर किसकी सरकार में ऐसे आवास आवंटित किए गए थे। उन्होंने दावा किया कि इस मामले की कड़ियां पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से जुड़ सकती हैं।