वन मंत्री के गृह क्षेत्र में प्रस्तावित चिड़ियाघर पर ग्रामीणों का विरोध, पुनर्वास की जमीन छीने जाने का आरोप

जगदलपुर (शिखर दर्शन) //
वन मंत्री केदार कश्यप के गृह क्षेत्र भानपुरी में प्रस्तावित चिड़ियाघर को लेकर ग्रामीणों का विरोध तेज़ हो गया है। सालेमेटा, खड़गा, छुरावण्ड, जामगांव और कमेला पंचायत के सैकड़ों ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि उन्हें पहले कोसारटेडा बांध के कारण विस्थापित किया गया था, और अब चिड़ियाघर के नाम पर उनकी पुनर्वास की गई ज़मीन भी छीनी जा रही है।
ग्रामीणों ने राज्यपाल के नाम बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए इस परियोजना को तत्काल निरस्त करने की मांग की। नारायणपुर के पूर्व विधायक चंदन कश्यप ने भी ग्रामीणों के पक्ष में समर्थन जताते हुए कहा कि खेती इन परिवारों की मुख्य आजीविका है, और सरकार रोजगार के नाम पर उन्हें गुमराह कर रही है।
विवाद के बीच, जिला प्रशासन ने मामले की जांच करने की बात कही है। वहीं, सरकार कोसारटेडा क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना के तहत रिसॉर्ट और चिड़ियाघर बनाने का प्रयास कर रही है, लेकिन ग्रामीण इसे अपनी आजीविका पर खतरा मानते हैं।
ग्रामीणों का यह विरोध ऐसे समय में हो रहा है जब राज्य सरकार पर्यटन और संरक्षण के नाम पर यह परियोजना शुरू करने जा रही है, जबकि ग्रामीण अपनी जमीन और आजीविका को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।