मध्यप्रदेश

मौत के अड्डे पर ताला: मिशन अस्पताल का लाइसेंस रद्द, हॉस्पिटल बंद करने का आदेश जारी… , तीन दिन में मरीजों को अन्यत्र शिफ्ट करने के निर्देश

दमोह (शिखर दर्शन) //
मध्यप्रदेश के दमोह जिले में स्थित मिशन अस्पताल में फर्जी डॉक्टर द्वारा कई मरीजों की जान लेने के मामले ने बड़ा मोड़ ले लिया है। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द करते हुए संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन ने अस्पताल को बंद करने का आदेश जारी किया है। हालांकि, वर्तमान में अस्पताल में कोई मरीज भर्ती नहीं है, लेकिन भविष्य की किसी भी मरीज की भर्ती पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। अस्पताल में इलाजरत रहे मरीजों को तीन दिन के भीतर जिला अस्पताल शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।

दस्तावेजों की कमी और स्टाफ नियुक्ति में अनियमितता

स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल को लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया था, लेकिन प्रबंधन द्वारा दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए। इसके अलावा अस्पताल में न तो लैब टेक्नीशियन नियुक्त था और न ही कार्डियोलॉजिस्ट। इन गंभीर कमियों के आधार पर लाइसेंस रद्द कर दिया गया।

फर्जी डॉक्टर ने किए 15 से अधिक हार्ट ऑपरेशन, 8 की गई जान

गंभीर मामला तब सामने आया जब यह पता चला कि अस्पताल में कार्यरत डॉ. एन जॉन कैम नामक व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की थी। जनवरी और फरवरी 2025 के बीच उसने 15 से अधिक हार्ट सर्जरी की, जिनमें से 8 मरीजों की मौत हो गई। जांच में सामने आया कि उसकी डिग्रियां और अनुभव पूरी तरह से जाली थे।

प्रयागराज से हुआ आरोपी गिरफ्तार

मरीजों की मौत के बाद आरोपी डॉक्टर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज भाग गया था। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर दमोह पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक विशेष टीम प्रयागराज भेजी और आरोपी को गिरफ्तार किया।

महाराष्ट्र से बनवाए थे फर्जी दस्तावेज, पूर्व उपराष्ट्रपति के हस्ताक्षर तक किए नकली

पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपी ने महाराष्ट्र के नागपुर से फर्जी डिग्रियां बनवाई थीं। इनमें से एक डिग्री में तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के नकली हस्ताक्षर तक पाए गए। बताया गया कि 2013 में पांडिचेरी विश्वविद्यालय से प्राप्त बताई गई डिग्री पूरी तरह से जाली थी। आरोपी के पास अन्य कई फर्जी डिग्रियों के दस्तावेज भी मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है।

अस्पताल प्रबंधन पर भी FIR, 9 के खिलाफ मामला दर्ज

इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन पर भी लापरवाही और धोखाधड़ी के आरोपों में एफआईआर दर्ज की गई है। कुल 9 सदस्यों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर जांच की जा रही है।


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