नाशिक में अवैध दरगाह हटाने पर बवाल, नगर निगम और पुलिस पर पथराव, हालात तनावपूर्ण

नाशिक के काठे गली सिग्नल क्षेत्र में स्थित अवैध सातपीर दरगाह को हटाने पहुंची नगर निगम और पुलिस टीम पर मंगलवार रात जमकर पथराव हुआ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई की जा रही थी। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। आज भी इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है और तनाव बना हुआ है।
नाशिक (शिखर दर्शन) //
महाराष्ट्र के नाशिक शहर में मंगलवार देर रात उस वक्त बवाल मच गया जब नगर निगम और पुलिस की संयुक्त टीम अवैध सातपीर दरगाह को हटाने काठे गली सिग्नल क्षेत्र में पहुंची। सुप्रीम कोर्ट के आदेश और नगर निगम द्वारा जारी नोटिस के बाद यह कार्रवाई की जा रही थी। लेकिन जैसे ही बुलडोज़र कार्रवाई शुरू हुई, वहां मौजूद कुछ लोगों ने विरोध करते हुए पुलिस और निगम कर्मचारियों पर पथराव शुरू कर दिया।
स्थिति तनावपूर्ण होती देख पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। इस दौरान अफरा-तफरी मच गई। निगम की ओर से बताया गया कि सातपीर दरगाह एक अवैध निर्माण है, जिसे लेकर स्थानीय लोगों ने शिकायतें भी की थीं।
नगर निगम ने 15 दिन पहले इस दरगाह को लेकर नोटिस जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार यह निर्माण अवैध है और तय समय में अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए।
हालांकि दरगाह ट्रस्ट की ओर से इस कार्रवाई को रोकने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी, लेकिन अदालत ने इसे अनधिकृत मानते हुए हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।
पथराव की घटना के बाद से क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात है। पूरे दिन सुरक्षा व्यवस्था सख्त रहेगी और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। अधिकारी लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं और इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है।
नगर निगम ने यह भी स्पष्ट किया है कि शहर में कहीं भी अवैध निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह धार्मिक स्थल हो या अन्य प्रकार का अतिक्रमण। इस कार्रवाई के बाद से स्थानीय माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।