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मुर्शिदाबाद हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल, SIT जांच और ममता सरकार से जवाब तलब करने की मांग

नई दिल्ली/कोलकाता (शिखर दर्शन) //

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून के विरोध के दौरान भड़की हिंसा मामले को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है। वकील शशांक शेखर झा द्वारा दाखिल याचिका में मांग की गई है कि राज्य में लगातार हो रही सांप्रदायिक और राजनीतिक हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक विशेष जांच दल (SIT) गठित की जाए। साथ ही पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार से राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर स्पष्टीकरण मांगा जाए।

याचिका में यह भी आग्रह किया गया है कि हिंसा प्रभावित लोगों को मुआवजा और पुनर्वास की सुविधा दी जाए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से ऐसे अन्य आदेश पारित करने की भी मांग की है, जो न्याय और समानता के हित में उचित हों।

बीएसएफ अफसर रवि गांधी का दौरा और गृह मंत्रालय को रिपोर्ट

इसी बीच BSF की पूर्वी कमांड के एडीजी रवि गांधी ने सोमवार से मालदा और मुर्शिदाबाद का दो दिवसीय दौरा शुरू किया है। वे सूती, शमशेरगंज और जंगीपुर जैसे हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे और वहां तैनात बीएसएफ बलों की तैनाती और स्थिति की समीक्षा करेंगे। इस दौरे के बाद एक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी जाएगी।

शुक्रवार को भड़की थी हिंसा, 3 की मौत, 18 पुलिसकर्मी घायल

आपको बता दें कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोग वक्फ कानून के विरोध में सड़कों पर उतर आए थे, जिसके बाद मुर्शिदाबाद के सूती और शमशेरगंज इलाकों में हिंसा भड़क गई। हालात को काबू में करने के लिए कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश पर BSF की तैनाती की गई थी। इस हिंसा में 3 लोगों की मौत हुई, जबकि 18 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हुए हैं। अब तक 210 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

यह मामला अब राष्ट्रीय सुरक्षा और संवैधानिक जिम्मेदारियों के स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है, जहां सुप्रीम कोर्ट से न्यायिक हस्तक्षेप की अपेक्षा की जा रही है।

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