महाकाल की भस्म आरती में झलका दिव्य वैभव: त्रिपुंड और ॐ से सजे बाबा, श्रद्धालुओं ने नंदी महाराज से प्रार्थना कर सुनवाई की लगाई अरज

उज्जैन (शिखर दर्शन) //
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार, 14 अप्रैल को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर अलसुबह चार बजे कपाट खुलते ही भगवान महाकाल की भस्म आरती में राजसी वैभव का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस पावन अवसर पर उपस्थित रहे।
प्रातःकाल सर्वप्रथम भगवान महाकाल का जल से अभिषेक किया गया। इसके बाद पंचामृत — दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से शुद्ध पूजन संपन्न हुआ। इसके पश्चात बाबा को भस्म अर्पित की गई, जो इस मंदिर की अनूठी और पावन परंपरा है।
महाकाल को रजत शेषनाग का मुकुट, रुद्राक्ष की माला तथा सुगंधित गुलाब के फूलों की माला धारण कराई गई। मस्तक पर त्रिपुंड और ‘ॐ’ अंकित कर भगवान को राजा स्वरूप में श्रृंगारित किया गया, जो भक्तों के लिए अद्वितीय दर्शन का क्षण था। अंत में भगवान को फल और मिष्ठान्न का भोग अर्पित किया गया।
इस अलौकिक भस्म आरती में सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित हुए और पुण्य लाभ अर्जित किया। आरती के बाद श्रद्धालु नंदी महाराज के कानों में अपनी मनोकामनाएं कहकर उन्हें भगवान महाकाल तक पहुंचाने की प्रार्थना करते दिखे। मंदिर परिसर “जय श्री महाकाल”, “हर हर महादेव”, “ॐ नमः शिवाय” के जयकारों से गुंजायमान रहा।