दमोह मिशन अस्पताल मामला: फर्जी डॉक्टर जॉन कैम के खुलासे थमने का नाम नहीं ले रहे, पुलिस नार्को टेस्ट की तैयारी में

दमोह मिशन अस्पताल में 7 मरीजों की मौत के बाद फर्जी डॉक्टर एन जॉन कैम मामले में रोजाना चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। आरोपी के पुलिस रिमांड का आज आखिरी दिन है, लेकिन पुलिस को अब भी शक है कि कई परते अभी बाकी हैं। एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने पीएचक्यू से नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति मांगी है। आरोपी खुद को ब्रिटेन से पढ़ा हुआ बता रहा है और दस्तावेजों की पुष्टि वहीं से होने का दावा कर रहा है। इस गंभीर मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है।
दमोह (शिखर दर्शन) //
मध्यप्रदेश के दमोह जिले के मिशन अस्पताल में 7 मरीजों की संदिग्ध मौत के बाद फर्जी डॉक्टर एन जॉन कैम को लेकर रोजाना नए खुलासे सामने आ रहे हैं। आरोपी डॉक्टर जॉन कैम के पुलिस रिमांड का आज पांचवां और आखिरी दिन है, लेकिन पुलिस को लगता है कि इस मामले की परतें अभी पूरी तरह से नहीं खुली हैं।
दमोह एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने बताया कि वे लगातार पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) से संपर्क कर रहे हैं ताकि आरोपी का नार्को एनालिसिस और पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जा सके। पुलिस का मानना है कि ऐसे टेस्ट से इस सनसनीखेज मामले से जुड़े और भी अहम राज सामने आ सकते हैं।
गौरतलब है कि आरोपी खुद को ब्रिटेन से एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाला बता रहा है और उसने दस्तावेजों की पुष्टि के लिए वहां पत्राचार किए जाने का दावा भी किया है। उसने कुछ पत्र भी दिखाए हैं, जिनकी सत्यता की जांच की जा रही है।
इस गंभीर और संवेदनशील मामले की जांच के लिए दमोह पुलिस ने चार सदस्यीय विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है, जो हर पहलू की बारीकी से पड़ताल कर रही है। संभावना है कि आज रिमांड की अवधि समाप्त होने के बाद पुलिस अदालत से और रिमांड की मांग कर सकती है, ताकि जांच को और गहराई से आगे बढ़ाया जा सके।
इस बीच, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के एक सनसनीखेज बयान ने राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने 10 बीजेपी नेताओं के नाम लेकर उन्हें ISI का एजेंट तक बता दिया है, जिससे मामला और भी गरमा गया है।
दमोह मिशन अस्पताल केस न सिर्फ मेडिकल लापरवाही का मामला बन गया है, बल्कि अब यह अंतर्राष्ट्रीय डॉक्यूमेंटेशन, फर्जीवाड़े और संभावित सुरक्षा जोखिम की तरफ भी इशारा कर रहा है। मामले की हर दिशा में जांच जारी है।